सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति का शरीर निरोगी रहता है : सीएम धामी

दून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नवयोग सेवा समिति, ब्ब्त्ल्छ आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में सूर्य नमस्कार देवभूमि परंपरा का अद्भुत उपहार विषय पर आयोजित वेबिनार कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूर्य नमस्कार भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति का शरीर निरोगी रहता है और घर में सुखशांति का वास बना रहता है। हम सूर्य नमस्कार के माध्यम से सूर्य उपासना कर निरोगी रह सकते हैं। सूर्य नमस्कार के अभ्यास से विभिन्न आसनांे से मन और आत्मा सबल होते हैं। योग करने का मकसद आत्मज्ञान की प्राप्ति तथा सभी प्रकार की शारीरिक परेशानियों को दूर करना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा योग के साथ ही खेलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश में 8 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के 5050 बालक बालिकाओं को उनकी खेल प्रतिभा के अनुसार चिन्हित कर उन्हें प्रति वर्ष मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। खिलाड़ियों का दैनिक भत्ता बढ़ाया जाएगा। महिला खिलाड़ियों के खेल कौशल विकास हेतु जनपद उधमसिंह नगर में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित किया जाएगा। नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाएगी। महाविद्यालयों/व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु 5 प्रतिशत का उत्कृष्ट खिलाड़ी खेल कोटा प्रदान किया जाएगा। खेलों इण्डिया योजना के अन्तर्गत खेलो इण्डिया स्टेट लेवल सेंटर एवं स्पोर्टस साइंस सेंटर का देहरादून में निर्माण किया जाएगा।

उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों में न्यूनतम एक स्पोर्टस सेंटर स्थापित किया जायेगा।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से अंतरराष्ट्रीय राम कथा वाचक परम पूज्य अतुल कृष्ण भारद्वाज, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पाण्डेय, कुलपति, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय प्रो. ओम प्रकाश नेगी, प्रो. महेश प्रसाद सिलोड़ी, डा. भानु जोशी, योगी मोहन भण्डारी, डा. विक्रम सिंह, नवयोग सूर्यादय सेवा समिति के संरक्षक डा. देवी दत्त जोशी एवं डा. नवदीप जोशी उपस्थित थे।

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