कु सच्चु च अर कु चपरट्या (झूठा), सच समणि आण चैंद

उत्तराखण्ड एकदा दुबरा अपड़ा विधायक अर मंत्री क एक वीडिया क सोशल मीडिया मा वायरल हूंण से चर्चा म च। सोशल मीडिया म भाजपा विधायक राम सिंह कैडा अर कैबिनेट मंत्री क बीच मा छ्वीं कु वीडिया अज्काल खूब छुंयींयों म च।

वीडिया में विधायक राम सिंह कैड़ा बाघ क हमला म म्वरी ब्यटुला क घौर मा पौछ्कि वन मंत्री से मुबैल पर बात करणा छन। अर मंत्री तैं वखक हलातों क बारा म बतै कि विभागन एक बि पिंजरा नीं लग्यें अर विभाग बौत लापरवै करणु च। मंत्री न मुबैल पर विधायक से बात करदा हि हाईकोर्ट खूंणि हि ना बल कोर्ट मा जैन याचिका लग्यें वैथैं बि अपशब्द बोलि दी। या बात विधायक नीं ब बल वखक सबि लोगु न सूंणि अर वीडियो बण्यें कि वायरल कै द्यायी। मंत्री जी न मुबैल पर बोलि कि जब हमन बाघ मरणा कु आदेश दियां छन त हाईकोर्ट . . . कु हून्द रोक लगौंण वलु। मंत्री हाई कोर्ट मा पीआईएल लगौंणवला मनखि तैं बि पकड़ि कि मरणा क बात ब्वना छन।

वीडिया कुछ दिन पूरण बत्यें जाणु च। ह्वै इन्न च कि भीमताल मा बाघ 7 दिसम्बर खूंणि मलुवाताल क कसाइल मा इंद्रा देवी, 9 दिसम्बर खूंणि पिनरों म पुष्षा देवी अर 20 दिसम्बर खूंणि ताड़ा गौं म 20 साल निकिता तैं मारि दे।
यांका बाद सरकार न गौं वलों कु दबाव मा ऐकी बाघ मरणा कु आदेश दे द्यायी, जै फर हाईकोर्टन संज्ञान ल्यायी अर मामलु हाईकोर्ट मा पौंछिग्यें। कोर्ट म हाईकोर्ट न वन विभाग से बोलि जब अबि तक यु पता नीं चलि कि यु बाघ च कि गुलदार, तब तुमन मरणा आदेश कन कैकि दीं।

विधायक राम सिंह कैड़ा मंत्री तैं यी बतौंणा छायीं कि अब हमन क्या करण अर अब जब तक कोर्ट कु आदेश नीं आंदू तब तक बाघ से गौं वलु की रक्षा कनकैकि होलि। भाजपा विधायक राम सिंह कैडा अर मंत्री क बीच म हूंयीं यु छ्वीं-बत्थौं न प्रदेस मा एकदा दुबरा सियासी राजनीति तैं गरम कै याली।

ऐ वीडिया वायरल हूंणा बाद मंत्री जी कु ब्वनु छन की वीडिया म मेरी अवाज नीं च। अब या अवाज कैकि च, यु त फारेंसिक जांच कु मामलु च पर मंत्री क इन्न ब्वन पर कि या मेरी अवाज नीं च सवाल सीधा विधायक राम सिंह पर छन। अब विधायक राम सिंह तैं या बात साफ करण चैंद की आखिर वु लोगुक समणि मुबैल पर कै मंत्री से या फिर कैसे बात करणा छायीं।

अब अगर वीडिया सै च कि क्या मंत्री जी वीडियो वायरल हूंणा बाद अफु तैं बचौंण खूंणि झुठ ब्वना छन? अगर इन बात च त या प्रदेसा खूंणि बौत चिंताजनक बात च। मंत्री क अफु तैं बचौंणा खूंणि झूठ त क्वीं बात नीं च, हां मंत्री जी मुबैल पर भाषा बौत नखरि च, ज्वां बौत चिंताजनक बात च। माननीय मंत्री क गुच्चु बटि सदनि सम्मानित भाषा हि निकलण चैंद न कि अशोभनीय भाषा।

अब ऐ मामला मा सचैं क्या च या बात समणि आण चैंद। इन मा अब सरकारै बड़ी जिम्मेबरि च, यीं बात तैं प्रदेसा जनता क समणि ल्याणा कि कु सच्चु च अर कु चपरट्या (झूठा) च। त वखि ऐ मामला मा माननीय उच्च न्यायालय तैं बि स्वतः संज्ञान लिंण चैंद अर जु बि दोषी छन ऊ पर कारवै करण चैंद।

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