उत्तराखण्ड कु महौल खराब करण खूंणि जिम्मेबार कौच च . . .
लव जिहादा क खळाखळ हूंणि घटनौं क कारण आज उत्तराखण्ड क चरचा सर्सा देस हि ना सर्या दुन्या मा हूंणि च। ह्वै इन्न च कि पुरोला मा एक छ्वटि कम उमरै नौनि तैं द्वी नौनौंन भगौंण कोसिस कायी। जैमा एक दुसर धर्मा कु छायीं। पुलिसन द्वियौं तैं पकड़ि याली। पर जब या खबर पुरोला क रैवासियौं तें पता चलि त उन्न आन्दोलन सुरू कै द्यायी अर पुरोला मा कारोबार करणा मुसलमानु तैं पुरोला छ्वड़णा खूंणि बोलि। पुरोला कु महौल खराब ह्वै त हिन्दु वादी संगठन 15 तारिख खूंणि महापंचैत उर्येंणा क घोषणा कै द्यायी। आखिर किलै या बात इतगा बड़ी ह्वैग्यें कि आज सर्या देस दुन्या मा उत्तराखण्ड क नौं कि चरचा हूंणि च। आखिर उत्तराखण्ड बणण क बाद देवभूमि मा यु क्या ह्वै अर या कु जिम्मेबार कु छन या स्वचण वलि बात या च। उत्तराखण्ड बणणा क बाद सबसे जादा फैदा कैथैं ह्वै। पाड़ मा सबसे जादा नुकसान कनकैकि ह्वै।
अब हम बात करदा 2001 बटि 2011 तका कि त प्रदेश मा द्वी जिला नैनीताल अर देरादूण जख सबसे जादा बदलौ ह्वै। यख 2001 बटि 2011 क बीच हरद्वार मा मुसलमान 33 प्रतिशत, देरादूण मा 32.48 प्रतिशत अर ऊधमसिंह नगर मा 33.40 प्रतिशत बढ़िग्यींन। पश्चिम उत्तर प्रदेस बटि यख जादा मुसलमान बसि ग्यींन। अब नै जनगणना मा कतगा मुसलमान बढ़िन या कु पता बाद मा चललु कि जनंसख्या मा कतगा बदलौ ह्वै।
आज हमथैं या बात समझणि प्वाड़ळि कि आखिर यांकु जिम्मेबार कौच? त यांक जिम्मेबार हम, हमरि सरकार च, हमरि पुलिस, हमरु कानून बन्दबस्त च। घाण-धंधा (काम-धाम) खूंणि प्रदेस आणु क्वीं खराब बात नीं च पर घाण-धंधा क दगड़ मा यखक महौल खराब करणु यु नी हूंण चैंद। आज हमर प्रदेस मा घाण-धंधा करणा खूंणि क्वीं खास जगा तय नीं छन, जैकि जख, जनु काम करणा क इच्छा करणि ऊं उनि काम करणु च। हमर प्रदेस मा जख बसावट (आवासी कॉलोनी), स्कुळु कु नजीक बीच मा बैल्डिंग, आरा मशीन लग्यीं छन, ळुवा कु काम हूंणू च, क्वीं ब्वन वलु अर सुंणण वळु नीं च। सर्या देरादूण मा आज जुगाड़ (द्वी पय्यौं कि गाड़ी फर तीन पय्यां लग्यें कि) समान ढुलै कु काम करयें जाणु च। यीं कु लोग छन अर कख बटि आणा छन, जु बिना नम्बर प्लेट गाड़ी चलौंणा छन मा अर प्रदेसा गरीब साइकिल रिकसा चलौंण वल तैं बेरोजगार करणा छन। मोटरसैकिल मा पूरि दुकान (बिस्कुट, चिप्प, गुटका, बीड़ी सिगरेट, नमकीन हि न बल साबुण, कुर्सी, कालीन दरी कपड़, भांडा) लग्यें कि ब्यचणा कु काम सर्या दिनमान हूंणु च।
सवाल त यौं बि च कि यीं गाड़ि कु छन अर यीं कख बटि अयां छन। यखम साख बात या च कि सबि ळोग भैर बटि अयां छन। यु खूंणि क्वीं कानून नीं च। यीं वु सवाल छन, आखिर यु फर कारवै करणा क जिम्मेबरि कैकि च?
उत्तराखण्ड इतगा सजिलु च कि यख घाण-धंधा खूंणि आवा अर सरकारि जमीन का कब्जा कैकि अपडु घौर बणौंवा क्वीं तुमथैं पुछण अर रवक्ण वलु नीं च। यीं कारण च भैर लोग छ्वटा-छ्वटा काम धन्धौं खूंणि यख आण छन। आज देरादूण कखग रैवासियों खूूंणि ज्यूं कु जंजाल त बल भैर बटि अयां खूंणि स्मार्ट शहर ह्वैग्ये। जु अब हमरा पाड़ मा बि अपड़ा खुट्टा जमाण बटिग्यींन अर छ्वटि-छ्वटि हमरि नौनियौं तैं बखौंणा छन।
अब हमथैं चितौंण क दरकार च। पाड़ हि ना बल सर्या उत्तराखण्ड मा कैथैं बि क्वीं गलत काम धाम करणा क मंजूरि नी दियें जाण चैंद। आज हम कुछ नीं करळा त फिर भोळ हमरि आण वलि पीढ़ि तैं भोगण प्वाड़ळु। उत्तराखण्ड जनता बौत सीदी साधी च। उत्तराखण्ड मा घाण-धंधा करणा क कैथैं मि क्वीं मना नीं पर गलत तरीकाैंं न, गलत काम करणा अर यखक दीदी भुलियौं क संस्कृति तैं खराब करणा क कैथैं कतै मंजूरि नीं दियें जाण चैंद। आज हम चुप्प रौळा त भोल हमतैं बौत पछ्ताण प्वाड़ल अर जब या बात हमरि समझ मा आली कि यांका जिम्मेबार क्वीं औरि न बल हम हि छा, तब मुण्ड फोड़िक क्या कन।