हमें आतंकवाद से मिलकर लड़ना होगा : मोदी
नयी दिल्ली, 09 सितम्बर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए आतंकवाद के ख़िलाफ़ मिलकर लड़ने पर जोर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा,“ ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करना खुशी की बात है। आप सभी का भरपूर सहयोग मिला है और मैं इसके लिए आप सभी का बहुत आभारी हूं।”
इस सम्मेलन में सभी राष्ट्राध्यक्ष वर्चुअल तरीके से जुड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ‘ब्रिक्स काउंटर टेरेरिज़्म प्लॉन’ का काम हाथ में लिया है। इस सम्मेलन की थीम ‘ब्रिक्स एट15रू इंट्रा ब्रिक्स कोऑपरेशन फॉर कन्टीन्यूटी,कॉन्सोलिडेशन एंड कॉन्सेन्सस’ रखी गई है।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा, “हमें गर्व करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन इससे हम आत्मसंतुष्ट न हों। कोविड के बावजूद 150 से ज़्यादा बैठकें की गयी हैं। हम वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस साल ब्रिक्स में कई चीजें पहली बार हुई। ब्रिक्स ने कई महत्वपूर्ण संगठन न्यू डेवलपमेंट बैंक, कंटिनेजेंसी रिज़र्व अरेंजमेंट और एनर्जी रिसर्च कॉपरेशन प्लेटफॉर्म शुरू किये हैं। जल संसाधन पर भी पहली बार नवंबर में मंत्रियों की बैठक होगी। समझौतों से सहयोग का एक नया रास्ता खुला है। टीकाकरण पर अनुसंधान पर सहमति बनी है। ”
श्री मोदी ने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों के लिए उपयोगी हो। आज की बैठक ब्रिक्स को और उपयोगी बनाने में कारगर साबित होगी। श्री मोदी ने दूसरी बार ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता की। इससे पहले 2016 में गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता भी प्रधानमंत्री ने की थी।
ब्रिक्स सम्मेलन में अफ़गानिस्तान पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि दुनिया के सामने सुरक्षा की चुनौतियां हैं। भविष्य में ब्रिक्स को और उपयोगी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका सेनाओं के जाने से अफ़गानिस्तान में नया संकट पैदा हो गया है। अभी यह साफ नहीं है कि इससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर क्या असर पड़ेगा। अफगानिस्तान में नशे का कारोबार भी चिंता का विषय है। नशीले पदार्थों और आतंकवाद पर नियंत्रण ज़रूरी है।हमें आतंकवाद से मिलकर लड़ना होगा: मोदी
नयी दिल्ली, (वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने पर जोर दिया है।
प्रधानमंत्री ने संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा,“ ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करना खुशी की बात है। आप सभी का भरपूर सहयोग मिला है और मैं इसके लिए आप सभी का बहुत आभारी हूं।”
इस सम्मेलन में सभी राष्ट्राध्यक्ष वर्चुअल तरीके से जुड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ‘ब्रिक्स काउंटर टेरेरिज़्म प्लॉन’ का काम हाथ में लिया है।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा, “हमें गर्व करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन इससे हम आत्मसंतुष्ट न हों। उन्होंने कहा कि इस साल ब्रिक्स में कई चीजें पहली बार हुई। ब्रिक्स ने कई महत्वपूर्ण संगठन न्यू डेवलपमेंट बैंक, कंटिनेजेंसी रिज़र्व अरेंजमेंट और एनर्जी रिसर्च कॉपरेशन प्लेटफॉर्म शुरू किये हैं। जल संसाधन पर भी पहली बार नवंबर में मंत्रियों की बैठक होगी। समझौतों से सहयोग का एक नया रास्ता खुला है। टीकाकरण पर अनुसंधान पर सहमति बनी है। ”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों के लिए उपयोगी हो। आज की बैठक ब्रिक्स को और उपयोगी बनाने में कारगर साबित होगी।
ब्रिक्स सम्मेलन में अफ़गानिस्तान पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि दुनिया के सामने सुरक्षा की चुनौतियां हैं। भविष्य में ब्रिक्स को और उपयोगी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका सेनाओं के जाने से अफ़गानिस्तान में नया संकट पैदा हो गया है। अभी यह साफ नहीं है कि इससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर क्या असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर नियंत्रण ज़रूरी है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, “पिछले 15 साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा दिया है। हमने एक-दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला है। जिनपिंग ने विश्वास दिलाया कि चीन ब्रिक्स देशों के बीच बेहतर भविष्य और चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरा सहयोग करेगा।
साल 2011 में शुरू हुआ ब्रिक्स पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है।
सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा शामिल हुए।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा,“ पिछले 15 साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा दिया है। हमने एक-दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला है। श्री जिनपिंग ने विश्वास दिलाया कि चीन ब्रिक्स देशों के बीच बेहतर भविष्य और चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरा सहयोग करेगा। अगले साल चीन 14 वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा।
साल 2011 में शुरू हुआ ब्रिक्स पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है। इस बार इस सम्मेलन का आयोजक भारत है और श्री मोदी ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में श्री मोदी के अलावा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सनारो और दक्षिण अफ्रीका के
राष्ट्रपति रामाफोसा शामिल हुए।