वाराणसी : मोदी से सीधे आमने -सामने मुक़ाबले को अब की बार प्रियंका गांधी है तैयार

UK Dinmaan

देश की सबसे चर्चित उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पिछले लोक सभा चुनाव 2104 की तरह इस बार भी चुनावी माहौल बहुत दिलचस्प नजर आ रहा है।

कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने एक रैली के दौरान इस बात का संकेत दिया है। इससे पहले भी कई बार उन्होने पार्टी कार्यकर्ताओं से पूंछा है, क्या मुझे वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहिए। अब लगता है की वो मोदी से सीधे आमने -सामने मुक़ाबला करने के मूड में है। फिलहाल इस सीट पर पीएम मोदी के मुकाबले में पूर्व जवान, 111 किसान और एक पूर्व जज भी मैदान में हैं।

साल 2014 के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी यहां से चुनाव जीते थे। तब इस सीट पर अरविंद केजरीवाल के चुनाव लड़ने से काफी चर्चा थी, यहाँ पर कई अनोखे प्रत्याशियों ने आकार रोचकता बढ़ा दी है। पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए तमिलनाडु के किसानों से लेकर नौकरी से निकाले गए बीएसएफ कॉन्स्टेबल तक सब शामिल हैं।

हालांकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस का एक वर्ग बड़ा मानता है कि अगर प्रियंका गांधी वाराणसी या फूलपुर सीट से चुनाव लड़ती है तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूर्वांचल की सभी सीटों पर पड़ेगा।

बता दें कि वर्ष 1991 के बाद से बनारस भाजपा का गढ़ रहा है, केवल एक बार 2004 में यहां से कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा विजयी हुए थे। वर्ष 2014 के लोकसभ चुनाव में यहाँ करीब 9 लाख वोट पड़े थे, जिसमें मोदी ने 56% यानि पाँच लाख अस्सी हजार वोट मिले थे। तो केजरीवाल को केवल 20% वोट यानि करीब 2 लाख वोट मिले थे। अगर प्रियंका यहाँ सपा- बसपा गठबंधन के सहयोग से वो पीएम मोदी को कड़ी टक्कर दे सकती है।

प्रियंका गांधी के पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से माना जा रहा है उनके आने से यूपी में वर्षो से सुस्त पड़ी काँग्रेस में नयी राजनीतिक ऊर्जा का संचार हुआ है। जिसका असर सूबे में लोकसभा सीटों के परिणाम पर पड़ सकता है। राजनीतिक पंडितो के अनुसार पहले तो, प्रियंका गांधी में लोग पूर्व प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी की सशक्त राजनेता वाली छवि देखते है, इसी संदेश को कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता में पहुंचाना चाहती है।

दूसरा आम जनता और कार्यकर्ताओं से सीधी संवाद शक्ति के चलते वो अपनी पार्टी की स्थिति उत्तर प्रदेश में मजबूत कर सकती है । प्रधान मंत्री मोदी के सामने अगर वो चुनाव लड़ती है तो वाकई ये मुकबला बहुत दिलचस्प होगा। क्योंकि प्रियंका गांधी का अपना एक करिश्मा है, जिसके चलते वो पूर्वांचल में अपना पुराना वोट बैंक हासिल करते हुए कड़ी चुनौती दे सकती है।

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