बेराजगारु क हक पर डाका, उत्तराखण्ड परिवहन निगम एजेन्सी थैं दे खुली छूट

उत्तराखण्ड परिवहन निगम न रूड़की के एक आउटसोर्स एजेन्सी एम.के.एस.एस.एस. लिमिटेड रूड़की क जरिया 589 डरैबर अर कंडक्टरू क भर्ती खूंणि, जैमा 233 डरैबर अर 356 परिचालकु भर्ती खूंणि विज्ञप्ति जारी कैरि याली।

भर्ती प्रक्रिया खूंणि विज्ञप्ति थैं द्यखदा हि आखां खटकणा छन बल या विज्ञप्ति कैल निकाळि ह्वैली। उत्तराखण्ड परिवहन निगम यूसीएफ अजबपुर कला देरादूणळ या अधिकृत एजेन्सी एम.के.एस.एस.एस.एस. लिमिटेड रूड़की हरिद्वार न, बस या बात हि समझा मा नि आणी च। कैलेकि विज्ञप्ति मा मत्थी त उत्तराखण्ड परिवहन निगम, यूसीएफ अजबपुर कला देरादूणळ लख्यूं च अर ताल अधिकृत एजेन्सी एम.के.एस.एस.एस.एस. लिमिटेड रूड़की हरिद्वार उत्तराखण्ड कु नौ लख्यूं च। जैका बाद मा एजेन्सी क मेल अर फोन नम्बर भि दियां छन।

इन्न सबसे पैळु सवाल उत्तराखण्ड परिवहन निगम पर च कि विज्ञप्ति मा ताल अधिकृत एजेन्सी कु नौ अर पता किलै दियूं च? अब अगर या विज्ञप्ति एजेन्सीन निकाळि त फिर विज्ञप्ति मा उत्तराखण्ड परिवहन निगम क नाम से किलै च? विज्ञप्ति मा खास बात या च कि एजेन्सी कु वेबसाइट भि दियूं च। विज्ञप्ति मा दीं एजेन्सी क वेबसाइट मा भि झोळ छन। एजेन्सी के वेबसाइट मा www. mkssssltd.com मा भि उत्तराखण्ड परिवहन निगम क नौ अर लोगो लग्यूं च। लेकिन वेबसाइड मा जू बैंक खाता संख्या च वु अधिकृत एजेन्सी कु च। अर ऐजन्सी फारम भ्वरणा क हि 375 रुप्या लिंणि च।

इन्न मा ईं भर्ती प्रक्रिया मा उत्तराखण्ड परिवहन निगम अर एजेन्सी द्वियां पर शक हूंणू च।

विज्ञप्ति मा एक लैन च चालक/परिचालकों क आपूर्ति आउटसोर्स/संविदा पर। अब संविदा पर एजेन्सी भर्ती कारली ईं बाति के आखिर क्या मायने छन? कैलेकि एजेन्सी कु काम सिरफ अर सिफर विभाग थैं डरैबर अर कंडक्टरू देंणा कु हूंद नि की डरैबर अर कंडक्टरू थैं संविदा पर भर्ती करणा कु।

ईं वेबसाइट मा फारम भ्वरण से लेकैकि उमर, जाति, मेडिकल, डरैवर लैसैंस अर गाड़ी चलौंणा क नियमु क जाणकारी सब्यां जरुरी जाणकारी छन।

त दूसर तरफौं कंडक्टरू खूंणि मतृक आश्रित, भूतपूर्व सैनिक, अद्धसैनिक, एन.सी.सी. बटि बी प्रमाण पत्र, आई.टी.आई. पास त वखि भारत स्काउट अर गाइड संस्था बटि तृतीय सोपान राज्य पुरस्कार, राष्ट्रपति पुरस्कार प्रमाण पत्र, राज्य सरकार बटि मान्यता प्राप्त संस्थानु से ए लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण मा पास जन्नि शरत छन।

डरैबर अर कंडक्टरू खूंणि इतगा शरतु क बाद भि जू बड़ी बात च वा हैरान करण वळि च बल विज्ञप्ति अर वेबसाइट मा कखि मा भि तनखा क बारा मा नि कुईं जिकर तक नि च।

दूसर बात या च बल उत्तराखण्ड परिवहन निगम मा 200 से जादा मृतक आश्रित छन जौ थैं भि एजेन्सी क जरिया हि नौकरि करणा खूंणि मजबूर करै जाणु च।

वेबसाइट मा परिचालक खूंणि मूल/स्थाई निवासी थैं पैळि भर्ती कर्ये जालु , जन्नि शरत साफ बतौंणि च की या लैन भैर क लोगु थैं फैदा देंणा खूंणि हि लिख्यें ग्यें ग्यें, जबकि विज्ञप्ति मा सीधा-सीधा मूल रैवासी उत्तराखण्ड हूंण चैंद छायीं, न कि मूल थैं प्राथमिकता दियें जाली जन्न शब्द। साफ च कि प्रदेसक मूल रैवासियों थैं छकौण (छलना) कु काम एजेन्सी अर उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्विया करणा छन।

ऐ बारा मा जब हमन विज्ञप्ति मा दियें मोबैल नम्बर पर बात कायी त मोबैल पर शहजाद अहमद क नौ ऐ। शहजाद अहमद न बोलि की य विज्ञप्ति हमन दे। हमन जब या बात पूछि कि तुमन विज्ञप्ति अर वेबसाइट पर उत्तराखण्ड परिवहन निगम के नौ किलै दे, त उंकु ब्वन छायीं कि हम उत्तराखण्ड परिवहन खूंणि काम करणौ छौ, हम ऊंकु नौ लिखि सदको। हमत त उत्तरप्रदेस मा भि इन्न करदो।

ऐ बारा मा जब उत्तराखण्ड परिवहन निगम क एमडी दीपक जैन क दगड़ बात कायी त ऊंकु ब्वन छायी कि एजेन्सी न विज्ञप्ति अर वेबसाइट मा हमरू नौ अर लोगो लग्यें के गलत कायी। एजेन्सी क या पैळि गलती च इन्न मा पैळि हि गलति मा हम एजेन्सी पर प्रतिबन्ध नि लग्यें सकदा। एजेन्सी न 50 लाख रुप्या जमा कर्या छन।

अब सवाल यौं भि च जब प्रदेस मा उपनल अर पीआरडी जन्न सरकारि एजेन्सी छन, त उत्तराखण्ड परिवहन निगम न प्राइवेट एजेन्सी क जरिया भर्ती आखिर किलै? साफ च बल उत्तराखण्ड परिवहन निगम न 50 लाख रुप्यौं मा प्रदेस क बेरोजगारू क हक पर डाका डाळणा खूंणि एजेन्सी थैं खुल्लि छूट देयाली।

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