उत्तराखण्ड क पुरणा तिवारु अर कौथिग थैं मिलळि पछ्याण
देरादूण। प्रदेस सरकारन उत्तराखण्ड क पूरणा तिवार अर कौथिगों थैं अपड़ि पछ्याण दिलौंणा क फैसळा कैरि याली। मुख्यमंत्री धामीन ऐ बारा मा संस्कृति विभाग थैं नियमावलि बणौंणा खूंणि बोलि याली।
नैं जमाना मा एक तरफ जख हमरि नैं पीढ़ि अपड़ि संस्कृति अपड़ा तिवारू थैं भुळदा जाणि च, वखि ऐसु क साल लोकपर्व इगासा क तिवार पर उत्तराखण्ड हि ना बल्कि सर्या देस मा मन्येग्यें। लोक तिवार इगासा मनौंणा क मतंग थैं देखिक प्रदेस सरकार बौत खुस च। जैका बाद सरकारन प्रदेस क पूरणा तिवार अर कौथिगों थैं पछ्याण दिलौंणा क फैसळा कैरि याली। या से पैळि प्रदेस मा लोक तिवार हरेला थैं सर्या प्रदेस मा खुब मतंग से मन्यें जान्द।
ईं वु कारण च कि अब सरकार हमरा पौराणिक तिवरु थैं नैं पछ्याण दिळौंणा क कोसिस मा लगिग्यें। सरकारन प्रदेस तिवारु थैं मतंग स मनौंणा कु फैसळा लियाली। जै स आण वळि पीढ़ि थैं अपड़ि संस्कृति अर पछ्याण क जाणकारि मिल्यां।
प्रदेस मा फूलदेई, घी संग्राद, मकर संक्राति, बग्वाल, बिटोली, नंदादेवी राजजात, उत्तरायणी, देवीधुरा, पूर्णागिरी कु कौथिग जन्न तिवारु थैं मतंग स मन्यें जै सकदन।