उत्तराखण्ड देवभूमि ही नहीं वीर भूमि भी है: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देहरादून के परेड़ ग्राउन्ड में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि अनेक बलिदान व संघर्ष से हमें ये आजादी मिली है। इस आजादी को बनाए रखने में हमारी सेना के वीर जवानों ने शहादत दी है।
मुख्यमंत्री ने चमोली जिले के सवाड़ गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि ही नहीं वीर भूमि भी है। यहां के हर परिवार से कम से कम एक व्यक्ति देश सेवा के लिए सेना व अर्ध सैन्य बलों में तैनात है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछले 70 साल में भारतवर्ष ने एक लंबा रास्ता तय किया है। अब हमें आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया के सपने को साकार करना है। न्यू इंडिया में उत्तराखण्ड की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए हम पिछले करीब डेढ़ साल में मन वचन कर्म से इस राज्य की सेवा में लगे हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन से हमारी सरकार बनी हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल किया है। पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए एनएच-74 भूमि मुआवजा घोटाले की एसआईटी जांच करवाई। हमारी सरकार ने ट्रांसफर एक्ट लागू किया। खनन समेत कई विभागों में ई-टेंडरिंग प्रणाली से विभागों के राजस्व मे भारी इजाफा हो रहा है। विभागीय योजनाओं की प्रगति पर उत्कर्ष सीएम डैशबोर्ड के जरिए नजर रख रहे हैं। सेवा के अधिकार को और सशक्त करते हुए 162 नई सेवाओं को जोड़कर इसका दायरा 312 सेवाओं तक बढ़ा दिया गया है। हमने समाज के हर वर्ग से संवाद किया है।

अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में सरकार की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि जैविक खेती के विकास के लिए पहले चरण में 78 हजार हेक्टेयर भूमि पर 3900 क्लस्टर चयनित होंगे। इससे 01 लाख 95 हजार किसान लाभान्वित होंगे।
राज्य के सभी किसानों को साॅयल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा ताकि किसान मिट्टी के परीक्षण के आधार पर उर्वरकों को इस्तेमाल कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत-आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत राज्य में सभी परिवारों कवर किया जाएगा। इसमें प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपए तक के ईलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की आधुनिक सुविधाओं वाली मेडिसिटी की स्थापना की जायेगी ताकि प्रदेशवासियों को बेहत्तर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके, इसमें चिकित्सा से सम्बन्धित सभी आधुनिक उपकरणों, संयन्त्रों के माध्यम से सभी तरह की जांचों आदि की भी सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रदेश में शिक्षा की स्थिति पर जल्द श्वेत पत्र लाएंगे, खाली हो रहे स्कूलों को पीपीपी मोड पर चलाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में कम होती जा रही छात्र-संख्या को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इस ओर विशेष ध्यान देना होगा। शिक्षकों को इसे पूरी गम्भीरता से लेना चाहिए। विद्यालय रोजगार के कंेद्र की बजाय शिक्षा के केंद्र बनें। स्कूलों में शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने हेतु एनआईसी के सहयोग से एक मोबाईल ऐप विकसित किया गया है। यह ऐप विद्यालयों द्वारा संचालित मासिक परीक्षाओं के परिणामों के अनुश्रवण में भी सहायक सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 700 गांव पूरी तरह से खाली हो चुके हैं। खाली पड़ी भूमि बंजर होती जाती है। ऐसे गांवों को पुनः आबाद करने के लिए योजना बनाई जाएगी। जरूरी होने पर खाली पड़ी भूमि को सरकार अधिगृहित कर इसका उपयोग खेती, बागवानी, पर्यटन व अन्य काम करने में किया जा सकता है। परंतु इसके लिए जनता को भी आगे आकर सहयोग करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 तक हर घर को बिजली देने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, इस लक्ष्य को समय रहते पूरा किया जायेगा। उत्तराखण्ड के विकास में प्रवासी उत्तराखण्डियों के योगदान और उनके विषयों पर चिंतन के लिए प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन किया जायेगा।
अनुसूचित जाति, जनजाति एवं निराश्रित विधावाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु अभी तक निर्धारित बजट व्यवस्था के अन्तर्गत ही आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। अब शत-प्रतिशत पात्र अनुसूचित जाति, जनजाति एवं निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत अभी तक परिवार में पात्र पति-पत्नी दोनों के जीवित होने पर किसी एक को ही पेंशन योजना का लाभ मिलता है। अब उक्त योजना के अन्तर्गत पति-पत्नी दोनों के जीवित होने पर दोनों को ही पेंशन योजना का लाभ अनुमन्य किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई गई है। इसी का परिणाम है कि शासन प्रशासन की कार्यशैली में सुधार आया है। पारदर्शिता व आर्थिक अनुशासन से कई विभागों क राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। नेक इरादों व साफ नीयत का असर दिख रहा है। हमारी जीडीपी व प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है। हम गांव व शहर, मैदान व पहाड़ में विकास के गैप को दूर करने पर काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। न्याय पंचायत स्तर ग्रोथ सेंटर विकसित कर रहे हैं। सरकार खेती, हाॅर्टीकल्चर व पशुपालन में नई सोच के साथ काम कर रही है। जैविक खेती, पं.दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना, फार्म मशीनरी बैंक, मिल्क कलेक्शन यूनिट के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बीज से बाजार तक’ की रणनीति पर काम किया जा रहा है। कनेक्टीवीटी पर काफी काम किया जा रहा है। इनमें चारधाम आॅल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल योजना, उड़ान योना प्रमुख हैं। नैनीताल से देहरादून के लिए जल्द ही एक जनशताब्दी ट्रेन शुरू की जाएगी। सीपैट, ड्रोन एप्लीकेशन व साईबर सिक्योरिटी सेंटर जैसे उच्च स्तरीय केंद्र प्रारम्भ किए गए हैं। पहाड़ में डाक्टर तैनात किए गए हैं। टेली रेडियोलाॅजी व टेली मेडिसिन से दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को फायदा हो रहा है। जिला अस्पतालों में आईसीयू स्थापित कर रहे हैं। होम स्टे, 13 जिले 13 डेस्टीनेशन से पर्यटन को गांवों तक पहुंचाया गया है। सभी राजस्व गांवों तक बिजली पहुंचा दी गई है।

ले.वर्तिका जोशी का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों ने हमेशा उत्तराखण्ड को गौरान्वित किया है। सरकार विशेष तौर पर ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसमें देवभोग प्रसाद योजना काफी सफल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़, जंगल, नदियां हमारी अमूल्य धरोहर हैं। इन्हें बचाना हम सभी का दायित्व है। हम अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करते हुए विकास योजनाएं बना रहे हैं। पर्यावरण की रक्षा में जनसहयोग बहुत जरूरी है। प्रदेश में निवेश के लिए 7-8 अक्टूबर को इंन्वेस्टर्स समिट आयोजित कर रहे हैं। इसके माध्यम से 40 हजार करोड़ का निवेश लाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सबको एकजुट होकर काम करना होगा। जिस तरह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एकजुट भारत के लिए टीम इंडिया के काॅन्सेप्ट पर बल दिया है, उसी तरह हमें टीम उत्तराखण्ड की भावना से काम करना है। राज्य सरकार, विधायकों, अधिकारियों, किसानों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों, उद्यमियों को एकजुट होकर सपनों के उत्तराखण्ड के निर्माण में योगदान देना होगा।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सैनानियों को शाॅल भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने पुलिस उपाधीक्षक बीएल टम्टा, बीरेंद्र सिंह रावत, महेश चंद्र जोशी, निरीक्षक भगवान सिंह, वीरेंद्र दत्त उनियाल, दलनायक ओमप्रकाश भट्ट को ‘मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक’ से सम्मानित किया। ‘‘पुलिस प्रशिक्षण में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री मेडल’’ 2015-16 के लिए चयनित उपनिरीक्षक मोहन गिरी व प्लाटून कमांडर नरेश चंद्र जखमोला को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के बैण्ड व संस्कृति विभाग के कलाकारों द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियां की गईं।

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