उत्तराखण्ड रुजगार देंणा मामला म अगनै, बेरुजगारी दर ह्वे कम
देरादूण। मुख्यमंत्री धामी न नेतृत्वम मा उत्तराखण्ड न ज्वानु तैं रुजगार देंणा मामला म नै कीर्तिमान बणौंणु च। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) क रिपोर्टम उत्तराखण्ड प्रदेसन श्रमिक जनसंख्या औसतम राष्ट्रीय औसत तैं पिछनै छोड़ि दे। पिछल एक सालम रुजगार बढ़ण से प्रदेसम बेरोजगारी दर कम ह्वेग्ये।
उत्तराखण्डम सबि बेरुजगारी दर 4.5 प्रतिशत बिटि घटिकि 4.3 प्रतिशत ह्वेग्ये। 15-29 साल उमरा वर्ग म 14.2 से घटिकि 9.8 प्रतिशत पर ऐग्ये। साल 2022-23 क तुलनम साल 2023-24 म सबि उमर वर्गम श्रमिक जनसंख्या कु अनुपात म बि बेत्तरि (सुधार) ह्वे। 15-29 उमर वर्गम श्रमिक जनसंख्या अनुपात 27.5 प्रतिशत बिटि बढ़ि कैकि 44.2 प्रतिशत ह्वेग्ये।
उत्तराखण्डम श्रम बलम बि साल 2022-23 म युवौं क भागीदारी बढ़िग्ये। 15-29 सालक उमर वर्गम श्रम बल की भागीदारी दर 43.7 प्रतिशत बिटि बढ़िकि 49 प्रतिशत पौंछिग्ये। इन्नि 15-59 उमर वर्गम 60.1 प्रतिशत बिटि बढ़िकि 64.4 प्रतिशत अर 15 साल अर वे से जादा उमर वर्गम 56 प्रतिशत से बढ़िकि 60.7 प्रतिशत पौंछिग्ये।
उत्तराखण्डम 15 से 29 उमर वर्गम श्रमिक जनसंख्या औसत 49 प्रतिशत च, त वखि राष्ट्रीय औसत 46.5 प्रतिशत च।
इन्नि 15-59 उमर वर्गम उत्तराखण्ड कु 64.4 प्रतिशत, त राष्ट्रीय औसत 64.3 प्रतिशत अर 15 सालम अर वां से जादा उमरम श्रेणी म उत्तराखण्ड कु 60.7 प्रतिशत, त राष्ट्रीय औसत 60.1 प्रतिशत च।
मुख्यमंत्री धामी न बोलि कि उत्तराखण्ड तैं देस कु अग्वानया (अग्रणी) प्रदेसु क दगड़ि खड़ु करणु की हमन सौं लियीं च। उन्न बोलि हम जादा से जादा रुजगार देंणा की कोसिस करणा छा। सरकरि क्षेत्रम 16 हजार से जादा ज्वानु तैं हमन भर्ति कायी। उन्न बोलि कि आण वला सालुम जादा से जादा ज्वानु तैं रुजगार मिललु। उन्न बोलि उत्तराखण्ड प्रदेसा ज्वानु तैं केवल रुजगार हि नीं देलु बल ऊंतैं दुसर तैं रुजगार देंण वलु बि बणालु।