केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा – एक की जगह दस कंपनियों को वैक्सीन बनाने का लाइसेंस दिया जाना चाहिए

नई दिल्ली। वैक्सीन की किल्लत को लेकर केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी ही सरकार को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सरकार एक की बजाय 10 कंपनियों को वैक्सीन बनाने की इजाजत दे। गडकरी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने ये सुझाव दिया।

गडकरी ने कहा- अगर सप्लाई से ज्यादा वैक्सीन की मांग रहेगी तो मुश्किल आनी ही है। एक कंपनी के बजाय सरकार को 10 कंपनियों को वैक्सीन प्रोडक्शन की मंजूरी देनी चाहिए। इन्हें देश में सप्लाई करने दीजिए और फिर जब हमारे पास सरप्लस वैक्सीन हो जाएगी तो ये कंपनियां फिर विदेशों में एक्सपोर्ट करेंगी. ये काम 10-15 दिनों में कर लेना चाहिए।

गडकरी ने कहा कि भारत को अभी भी दवाओं के लिए कच्चा माल विदेशों से मंगाना पड़ता है। हम आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं। भारत के सभी जिले मेडिकल ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होने चाहिए। उन्होंने कहा कि देश का स्वास्थ्य क्षेत्र इस समय गहरे संकट से गुजर रहा है। महामारी के दौरान हमें पॉजिटिव रहते हुए मनोबल मजबूत रखना होगा।

बता दें कि इससे पहले यह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस संबंध ऐसा ही सुझाव दिया था।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कहा था कि केंद्र को वैक्सीन बनाने वाली दोनों कंपनियों का फॉर्मूला अन्य दवा निर्माता कंपनियों को देना चाहिए ताकि वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। वर्तमान में देश में कोरोना वैक्सीन का प्रोडक्शन दो कंपनियां कर रही हैं। पहली भारत बायोटेक (कोवैक्सिन) और दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (कोवीशील्ड)।

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