यूकेएसएसएससी भर्ति घपरोल मा आयोगक पैल्यक अध्यक्ष थैं एसटीएफ न पकड़िक भेजि याली जेल

देरादूण। उत्तराखण्ड मा भर्ति इमत्या मा हूयां घपरोल मा आज उत्तराखण्ड एसटीएफ न बौत बड़ी कारवै कै। यूकेएसएसएससी क 2016 मा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ति घपरोल मा एसटीएफन आयोग क तीन पैल्यक अधिकारी आरबीएस रावत पैल्यक अध्यक्ष, सचिव मनोहर कन्याल अर पैल्यक परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया थैं पकड़ि याली। तिन्या पैल्यक अधिकारियों थैं एसटीफ पकड़िक कोर्ट मा पेश कायी, जख बटि ऊंथैं सुद्धोवाला जेल मा भेज्यें ग्यायी। या उत्तराखण्ड मा हूयां भर्ति घपरोल मा या अबि तककि सबसे बड़ी करवै च।

2016 क ऐ मामला मा बौत लम्बु बगत बटि जांच चलणि छायीं। ऐ मामला मा मुख्यमंत्री क सखत हूंणा क बाद जांच एजेन्सी न बौत तेजी से काम कायी।

बतै दियां कि 2016 मा वीपीडीओ भर्ति क माममला मा जांच चलणि छायीं।

2016 मा ह्वीं वीपीडीओ भर्ति मा घपरोल क शिकैत मिलण पर उत्तराखण्ड शासन न उबरि क अपर मुख्य सचिव क अध्यक्षता मा 2017 मा जांच कमेटी बण्यें छायीं। समिति जांच क अधार पर हाईकोर्ट न ऐ इमत्यान क परिणाम थैं खतम करणा आदेश दियां छायी। जैका बाद 2019 मा जांच विजिलेंस थैं दियेग्यीं। विजिलेंस न धारा 420/468/467/120 बी आईपीसी अर धारा (1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मा गुनहगारू पर मुकदमा दर्ज कै कि शासन बटि मंजूरि ले छायीं। शासन बटि मंजूरी मिलण क बाद विजिलेंस न ऐ मामला मा मुकदमा लिखें छायीं।

2020 बटि 2022 तक ऐ मामला मा विजिलेंस क जांच हूंणि छायीं। मुख्यमंत्री क आदेशक बाद जांच एसटीएफ थैं दियेग्यें। एसटीएफन सबूत मिलण क बाद परीक्षा मा ओएमआर शीट जांच खूंणि एफएसएल थैं भेजि। एफएसएल या बतै कि ओएमआर शीट क दगड़मा छेड़ करयें ग्यें।

ऐ मामला मा एसटीएफ पैळि तीन आरोपियों मुकेश कुमार शर्मा, मुकेश अर राजेश पाल थैं पकड़ि यैल छायीं।

जैका बाद एसटीएफन न पक्कु सबूत हूंणा क बाद यूकेएसएसएससी क उबरि क सचिव डॉ रघुवीर सिंह, उबरि क सचिव मनोहर सिंह कन्याल अर उबरि इमत्यान करौण वला राजेन्द्र सिंह पोखरिया थैं पकड़ि याली जैका बाद तिन्यौं थैं कोर्ट मा पेश कैकि सुद्धोवाला जेल मा भेज्येग्यें।

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