नेतों की दनका-दनिक . . .
उत्तराखण्ड मा लोकसभा चुनौ मा कांग्रेस पार्टी न अपणा उमेदवारु क घोषणा बि नी कै छायीं कि साल 2019 मा कांग्रेसा टिकट बिटि पौड़ी लोकसभा प्रत्याशी रयां मनीष खंडूडीन कांग्रेस पार्टी छोड़ि दे। भाजपा क खुचिलि मा जाण बाद मनीष खंडूडीन बोल कि मि बिना स्वार्थ कु भाजपा मा अयूं छौ। भाजपा का ऊंका कुटुम्ब पर बौत ऐसान छन। वु ऐसानों तैं चुकौंणा खूणि भाजपा मा अयूं छौ।
त क्य अब इन्न बल्यें जै सकदु कि मनीष खंडूडी तैं 2019 मा, जब वु कांग्रेसा टिकट पर पौड़ी बिटि लोकसभा चुनौ लड़िन, तब ऊतैं भाजपा के ऐसानु कु पता नीं छायीं। मनीष खंडूडी भाजपा मा जैकि कनि जनसेवा अर उत्तराखण्डा कु क्य भलु करण चाणा छन, जु वे कांग्रेसा मा रैकैकि पूरु नी कै सकणा छायीं। या बात सै च कि मनीष खंडूडी कु सर्या कुटुम्दरि भाजपाई च। ऊंका बुबा जी प्रदेसा मुख्यमंत्री रैन त अबरि बैणि विधानसभा अध्यक्ष च। इन्न मा ह्वे सकदु मनीष खंडूडी पर घरौ बिटि कांग्रेस पार्टी छ्वणा कु क्वीं दबाव हो।
पर असल बात त या च बल अज्काल राजनीति मा विचार, सुचिता, जनसेवा जनि छुंईंयों कु क्वीं मोल नी च। आजै राजनीति मा विचारधारा नामा क्वीं चीज नी बच्यीं च। आज नेता चुनौ से पैलि अपणा फैदा खूणि अपणि राजनैतिक आस्था, अपणि विचारधारा थैं बदलणा छन। यांमा खास बात या च कि दल बदल करण वला नेता मा वु जादा छन जो तैं य त टिकट नी मिलि या टिकट मिलणा उमेद नी च। यीं राजनैतिक दनका-दनकि (भागम-भाग) मा सबसे जादा नेता भाजपा मा जाणा छन अर कांग्रेस छ्वणा वला नेतों क संख्या जादा दिख्येणि च। साफ च आज वु दल, जु कबि विचारधार बात करदा छायी ऊंका गिच्चा बन्द छन। इन्न मा मनीष खंडूडी या हौरि क्वीं बि इन्न ब्वदु कि मि उत्तराखण्डा क जनतै भलै करण चाणु छौं त वु सर्या झूठ ब्वनु च, अर जनता तैं ठगौणु च।
त वखि भाजपा कु ब्वनु की मोदी क विकासवादी सोच तैं देखिकि लोग भाजपा मा आणा छन। त या बात सबि प्रदेसा रैवासियों तैं समझण प्वाड़लि कि हमरा राजनेतौं तैं ठीक चुनौ से पैलि भाजपाक विचारधारा अर मोदी क विकासवादी सोच किलै दिख्येंदि। जरा विचार कारा की यु थैं चुनौ से पैलि विकास कखि किलै नी दिख्येंदू? साफ च आज जनसेवाअर देस सेवा नौं पर यीं नेता लोगु तैं ठगोण छन? आजै राजनीति देस अर समाज सेवा की नी च, आज राजनीति समाज मा अपणि तागत मा मान बढ़ौंणा कू सबसे सरल बाटु ह्वेग्ये।
अब दूसरि तरफा भाजपा क रणनीति साफ च वु विपक्ष तैं खतम कैकि अपणि कुटुम्दरि तैं बढ़ौंणि च। भाजपा कु गणित जातीय समीकरण तैं लेकैकि विक्षपी दल खास कैकि कांग्रेस कु मनोबल तैं गिराणु कु च बस। भाजपा विपक्ष तैं खतम कैकि अपणि राजनीति करण चाणि च। वीं कारण च भाजपा बिना स्वच्यां कांग्रेसा सबि बड़ा नेता तैं भाजपा मा सामिल करदा दा जरा बि नी स्वचणि च कि यांकु विचारधारा क्या च।
अब सवाल कि आखिर मनीष खंडूडी भाजपा कु कै ऐसान तैं उतरणा खूणि अर कनि जन सेवा करणा खूणि भाजपा मा अयां छन, यु त कुछ दिन मा हि पता चललु अबि त सबि भवैष्य कु पुटगा मा च। पर सच यौं च कि आजै राजनीति देसा अर समाजै सेवा की कतै नी च। किलैकि आजै राजनीति मा दलबलद करण वला नेताक आत्मा त पैलि हि म्वोरि ग्यायी। वु कु एक मात्र लक्ष्य जीत अर सत्ता हासिल करण च। आज नेता अपणि आख्यिूं से आंखा नी मिलै कसदा। लिकैकि वुथैं पता च कि अपणि जनता से पूछ्यां बिना पार्टी बदलणा बाद बि वैंकु मान-सम्मान, सामाजिक प्रतिष्ठा, रानजैतिक प्रतिष्ठा, रुप्या-पैसा सबि बच्यां राला। आज नेता अपणा राजनैतिक फैदा देखिकि अपणु सौदा करदु। आज नेता नियम विरुद्ध काम करणा खूणि, कानून से बचणा खूणि अर सत्ता दगड़ि खडु रैंण चांदन। आजक नेताऔं खूणि राजनैतिक विचारधारा कु क्वीं मतलतब नी च। आजै राजनीति सिरफ अपणि तागत अर समाज मा अपणु मान-सम्मान अर रुप्या बणौंणा की राजनीति च हौरि कुछ नी च।