कुम्हार हस्तकला बढ़ावा देने को अब सीएम आवास व सचिवालय में मिट्टी के गिलासों में मिलेगी चाय

दून। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हार हस्तकला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में मिटृी से बने गिलासों में चाय देने की शुरूआत की जाए।

आज यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ट्टकुम्हारी कलाट्ट को पुनर्जीवित करने को लेकर बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में कुम्हारी कला को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि कुम्हारी कला समृद्ध एवं प्राचीन हस्तकला है। उतराखण्ड में अनेक परिवार इस कला से जुड़े हैं। भारत सरकार की कुम्हार सशक्तिकरण योजना’ का उद्देश्य कुम्हारी कला को पुनर्जीवित करना एवं समाज के सबसे कमजोर वर्गों में से एक कुम्हार समुदाय को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त कर विकास की मुख्यधारा में वापस लाना है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्हारों को उन्नत किस्म के मिटटी के उपकरण बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में मिटृी उपलब्ध हो, इसके लिए ऐसी मिटृी वाली भूमि का चिन्हीकरण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्हार हस्तकला को राज्य में बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में मिटृी से बने गिलासों में चाय देने की शुरूआत की जाए। इसे व्यापक स्तर पर प्रदेश भर में बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों ने सचिवालय में मिट्टी के गिलासों में चाय पीकर इसकी शुरूआत की। मुख्यमंतर््ी ने निर्देश दिये कि तीन माह में कुम्हारी कला की अगली बैठक आयोजित की जायेगी।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव बीवीआरसी पुरूषोत्तम, डा. पंकज कुमार पाण्डेय, महानिदेशक उघोग रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव आनन्द श्रीवास्तव, निदेशक उघोग सुधीर चन्द्र नौटियाल, माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति उपस्थित थे।

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