मीनाक्षी लेखी के बयान पर टिकैत का पलटवार
नई दिल्ली। मानसून सत्र शुरू होते ही कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने भी अपना आंदोलन तेज कर दिया है। संसद के सामने प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं मिलने के बाद किसान संगठन के नेताओं ने सीमित संख्या में जंतर-मंतर में सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने एक विवादित बयान दिया है जिसको लेकर मामला गरमा गया है।
They are not farmers, they are hooligans… These are criminal acts. What happened on January 26 was also shameful criminals activities. Opposition promoted such activities: Union Minister Meenakshi Lekhi on alleged attack on a media person at 'Farmers' Parliament' today pic.twitter.com/72OARBh1n0
— ANI (@ANI) July 22, 2021
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट कर कहा, ‘वे किसान नहीं मवाली हैं। ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।‘
मीनाक्षी के इस बयान के कुछ देर बाद ही किसान नेता राकेश टिकैत ने भी पलटवार किया। राकेश टिकैत ने कहा, ‘मवाली नहीं किसान हैं, किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है। जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे। सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी।’