असल मुद्दा त रुजगार च
UK Dinmaan
दुन्या कु सबसे जादा जनसंख्या वला देस भारत म 19 अप्रैल बिटि चुनौ छन। सर्या देस मा चुनौ कु छ्वीं हूणि छन। ऐसु चुनौ राम मन्दिर, धारा 370, सनातन हिन्दू , अबि त ट्रेलर च, 70 साल्ला लूट, जेल, बेल मुफत रासन अर पांच साल हौरि दे द्यावा जन्नि मुद्दा पर लडै जाणु च। कतै सत्ता म आणा कबलाट, त कवीं सत्ता क पूछणि नीं छवण चाण च। इन्न मा जु जनता का असल मुद्दा छन अर जनता जौ से परेसान च, वु मुद्दो पर क्वीं बात नी हूणि च। जनता क वु मुद्दा कखि हर्चीं ग्येन।
आज देस मा ज्वा सबसे बड़ी सच्चै च अर ज्वा सबसे बड़ी दिकदरि ज्वानु क समणि च वा रुजगारै समस्या च। हमरू देस तेजी से अगनै बढ़णि अर्थव्यवस्था च पर यांका बाद बि यख पढ़यां-लिख्यां नौन्यालु खूणि नौकरि नी च। अंतराष्ट्रीय श्रम संगठनानुसार साल 2022 म देस मा 29 प्रतिशत ग्रेेजुएट बेरूजगार छायीं। अर यीं ऊं से नौ गुना जादा छन, जौ मा क्वीं डिप्लोमा नीं च अर कम तनखा वलि नौकरि या कंस्ट्रक्शन म काम करणा छन।
मुंबई टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेजा विकास अर्थशास्त्री आर रामकुमारा कु ब्वन च कि नौकरि उतगा तेजी से नी बढ़णि छन जतगा तेजी से काम करण वला बढ़णा छन।
वर्ल्ड बैंकन त बोलि कि हौरि दक्षिण एशियाई देसु क तरौं भारत देस काम करण वलों क खळाखळ बढ़णि आबादी क जतगा नौकरि पैदा नी कै सकणु च। इल्लै ज्वानु क समणि रुजगारू मा सरकरि नौकरि क अवाला क्वीं हौरि बाटु नी च।
सरकरि नौकरि तैं तनखा, फैदा अर सुरक्षित भवैष्य खूणि बेरुजगार नौन्याल जादा महत्व देंदन पर सरकरि नौकरि खूणि बौत लम्बी लैन अर मेनत च्येंद। एक छ्वटि नौकरि खूणि बि हजारू आवेदन ऐ जन्दिन।
आज भारत 2022 मा ब्रिटेन तैं पिछनै छोड़िकि दुन्या क पांच नम्बर सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बणिग्ये। यांका बाद बि ज्वान हताश छन अर मौका नी मिलण से नराज छन। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटी (सीएसडीएस) क सर्वे रिपोर्ट या बतौंणि च आज देस म सबसे बड़ु मुद्दा रूजगार अर मैंगे च। सर्वे रिपोर्ट मा या बात समणि ऐ कि 62 प्रतिशत लोग बेरुजगार व 71 प्रतिशत लोग मैंगे तैं बडु मुद्दा मनणा छन अर या खूणि केंद्र सरकार अर राज्य सरकार द्वियौ तैं कसुरबार मनणा छन।
सर्वे बतौंणु च कि आज मैंगे अर बेरुजगारिन हालता इतगा खराब छन की अब विकास क्वीं मुद्दा नीं च। आज लोगु तैं पैलि रुजगार चैंणू च अर यांका बाद मैंगे से छुटकरा चैंणू च। सिरफ 13 प्रतिशत लोगु खूणि विकास मुद्दा च। वखि देस म द्वी तिहाई लोग कु ब्वन च कि पिछल पांच सालु मा मैंगे बौत जादा बढ़ि त 50 प्रतिशत लोगु क ब्वन च कि जतगा कमान्दा छा वैमा घौर कु खरचा तक नीं चलद, क्वीं बचत नीं हून्दि।
राजनैतिक पार्टी बड़ा बड़ा वादा करणि छन पर सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटी (सीएसडीएस) क नतीजा साफ बतौंणा छन की आज देस म मैंगे अर रूजगार हि जनता कु सबसे बड़ु अर असल मुद्दा च, जै फर क्वीं बात करणा खूणि तयार नी च।