उत्तराखण्ड मा 2015-16 मा हूयां बीज घपला कु मसांण (भूत) दुबरा भैर ऐग्यें
देरादूण। उत्तराखण्ड मा 2015-16 मा हूयां बीज घपला कु मसांण एक दा दुबरा भैर ऐग्यें। उत्तराखण्ड मा बीज घपला तैं लेकैकि सूचना आयोग क सूंणे मा बात समणि ऐ कि ये घोटाळ से जुड़ी मूल पत्रावली उत्तराखण्ड शासन बटि गैब छन।
आयुक्त योगेश भट्ट न ऐ बारा मा एक आदेश जारी कैकि सब्यौं तैं बतै। आरटीआई एक्टिविस्ट हरिशंकर पांडे क तरफ बटि मंगि जाणकारि सूणें क बाद या बात समणि ऐ।
साल 2015-16 मा हरीश रावत सरकार क सरकार मा जिमदारु खूंणि उत्तराखण्ड तराई बीज विकास निगम (टीडीसी) क जरिया दुसर प्रदेसु बटि म्याळा (बीज) मंगयां छायीं। जैमा करीब 85 कुंतल बीजु क नमूना हल्द्वानी लैब मा फेळ ह्वैग्यीं। बीज विकास निगम न यांका बाद यु म्यालौं (बीज) तैं ब्यचणा खूंणि डेढ़ कुंतल क जगा मा अद्दा कुंतल बीज देंणा क बात बोलि। जैका बाद निगम न कर्मचारियौं न जिमदारु क नौं फर म्याला आटा मिल तक पौंछ्यें। जैमा 20 करोड़ रुप्यौं कु घपळा कु अंताज लग्यें ग्यें छायीं।
ऐ मामला मा अब कृषि मंत्री गणेश जोशी न बोलि कि सखत कारवै कर्यें जाली। उन्न बोलि बल ऐ बारा मा पता चलि, जनि ऐ मामला पता चलि उन्न कृषि सचिव अर अपर सचिव तैं मामला मा तलब कायी अर ऐ मामला क बारा मा जाणकारि ल्यायीं। ऐ मामला मा उन्न बोलि कि अबि विभाग मा क्वीं लिखीं शिकैत नी मिलि।
कृषि मंत्री न बोलि कि प्रदेस मा धामी सरकार च, इन्न मा कै बि गलत काम करण वळा तैं कतै नी छवड़े नी जालु। उन्न बोलि ऐ मामळा मा एफआईआर लिख्यें याली। त वखि एक आईएएस अधिकारी भी अबि जेल मा च। उन्न बोलि कि ऐ मामला मा औरि लोगु क नौं अन्दिन त कारवै होलि।