मुख्यमंत्री धामी न कायी रीठा साहिब मा ‘जोड़ म्याल’ क सुरुआत
चंपावत। मुख्यमंत्री धामी ने रीठा साहिब मा जोड़ म्याळा तैं सुरुआत कायी। मुख्यमंत्री क श्री रीठा साहिब मा पौंछण फर गुरुद्वारा कमेटी न ऊंकु स्वागत कायी। मुख्यमंत्री न रीठा साहिब मा मत्था टेकी अर प्रदेसा जस अर प्रदेस मा सबि राजि खुसी रयां या कामना कायी।
मुख्यमंत्री न श्री रीठा साहिब मा उर्यूं ‘जोड़ म्याळ’ क सबि तै लख-लख बधै दे अर बोलि कि मेरी प्रार्थना च कि यु म्याळा सब्यौं क जिन्दगि मा नै उमंग लेकैकि अयां। उन्न बोलि कि यु मेरु सौभाग्य च कि मिथैं आज मुख्य सेवक बणिक रीठा साहिब जन पवैतर जगा मा अरदास करणा कु सौभाग्य मिलणु च। उन बोलि जतगा बैसन साध जन, सो थान सुहन्दा यांकु मतलब जख महापुरुषौं क खुट्टा प्वड़दन वु जगा तीर्थ बणि जान्द।
मुख्यमंत्री न बतै बल साल 1501 मा श्री गुरुनानक देव जी अपणा च्याळा मरदाना क दगड़ मा रीठा साहिब मा ऐईं , त यख उंकी जांण पछयाण सिद्ध मंडली महंत गुरु गोरखनाथ क च्याळा ढेरनाथ क दगड़ मा ह्वै। गुरु नानक अर ढेरनाथ क बीच मा बौत लम्बी छ्वीं हूयीं तबि च्याळा मरदाना तैं भुख लगि अर वैथैं खाणु नी मिलि, वु गुरु नानक जी मा पौंछि अर या बात बतै। गुरु न रीठा कु डाळु तैं छ्वे
कैकि खाणु कु आदेश दे। रीठु कडु हून्दन
, वु जाणि की बि मरदाना न गुरु क आदेश कु पालन कायी अर एक रीठा खै, रीठा कु फळ वैथें मिट्ठु लगि। तब बटि यीं जगा कु नौं रीठा साहिब ह्वैग्यें अर तबि बटि यख श्रद्धाळुऔं तैं प्रसाद मा मिट्ठु रीठा दियें जान्द।
मुख्यमंत्री न बोलि बल रीठा साहिब दिव्य जगा च, जख गुरुनानक देव जी न सत्संग कैकि कड़ा रीठौं मा मिठास भ्वोरिक दुन्या तैं प्रेम, सेवा कु रैबार द्यायी। उन्न बोलि कि जन खुसी तुमथैं सेवा करदा लगद, उनि खुसीे मिथैं आज ‘जोड़ म्याळा’ मा तुमर बीच मा ऐकैकि लगणि च। उन्न बोलि कि एक पवैत्र मौका फर तुमर तरफि बटि मिथैं मिल्यूं यु सम्मान मि खूंणि सम्मान नीं च, बल हमरि सांझी संस्कृति कु तेज, त्याग अर तपस्या कु प्रसाद च, वु म्यारु सम्मान हि न, बल सर्यां प्रदेसा कु सम्मान च।
मुख्यमंत्री न बोलि कि मैं आज ऐ सम्मान तैं गुरु नानक देव क चरणों मा समर्पित करदू अर गुरुनानक साहब जी क खुट्टौं मा बैठी कि प्रार्थना करदु कि म्यार भितर सेवाभाव सदिन बढ़दै रैय्यां अर ऊंकु आशीर्वाद इन्नि मि फर अर प्रदेस क सवा करोड़ रैवासियौं फर सदनि रैयां।