सुप्रीम कोर्टन हरक सिंह अर डीएफओ तैं लताड़ि, बोलि मंत्रिक हिकमत देखिकि झक्क (चकित) छौ
देरादूण। उत्तराखण्ड क कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क पाखरो रेंज मा डाळा कटण अर अवैध निर्माण मामला मा सुप्रीम कोर्ट मा सूणें ह्वे।
ऐ मामला मा सुप्रीम कोर्टन पैल्यक वन मंत्री हरक सिंह रावत अर किशन चंद तैं खूब लताड़ लगै। यांका दगड़ि-दगड़ि देसा राष्ट्रीय उद्यानु क बफर जोन या वैका नजीक क्षेत्र मा टाइगर सफारी ह्वे सकदि या ना, यां का बारा मा एक समिति कु गठन करणा आदेश दीन।
वन्य जीव कार्यकर्ता अर वकील गौरव बंसल न चिड़ियाघर बिटि बाघ ल्यायी कैकि सफारी न नौ फर बफर जोन मा धरणा अर कॉर्बेट पार्क मा हूयां अवैध कटान अर निर्माण तैं सुप्रीम कोर्ट मा चुनौती दियें ग्यायी। ऐ मामला मा सुणै करददा सुप्रीम कोर्ट न अवैध निर्माण अर डाळा कटणा क मंजूरि देकैकि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व तैं नुकसान पौंछणा खूणि उत्तराखण्डा पैल्यक वन मंत्री हरक सिंह रावत अर उबरि का प्रभागीग वन अधिकारी किशन चंद तैं खूब लताड़ लगै। कॉर्बेट पार्क मा डाळ कटणा मामला मा सुप्रीम कोर्टन बोलि कि वु मंत्री अर डीएफओ क हिकमत से झक्क (चकित) छन।
अदालनत बोलि कि कॉर्बेट पार्क टाइगर रिजर्व मा अवैध नि र्माण अर डाळा कटणा से हूंया नुकसान क बारा मा पैलि बिटि जांच करणि सीबीआई तैं तीन मैना मा जांच देंणा खूणि बोलि।
अदालनत बोलि कि ऐ मामला मा साफ च उबरि का वन मंत्री न अप्फु तैं कानून से बड़ु समझि। पीठन बोलि कि ऐ मामला बतौंदु कि डीएफओ न पब्लिक ट्रस्ट डॉक्ट्रिन तैं खैड (कूड़ा) मा चुलै द्यायी। अर यां से या बात पता चलदि कि राजनेता अर नौकरशाह कन कानून तैं अपड़ा हत्थु मा लिंदन।
कोर्टन बोलि कि राजनीतिक अर नौकरशाह न मिलिकैकि पर्यावरण तैं बौत नुकसान पौंछ्यी, जैका गणना नी करै जै सकदि। कोर्टन बोलि दोषिया से यांकु वसूली हूंण चैंद।