प्रदेस मा सकत भू कानून बण्यें ज्यां : उत्तराखण्ड राज्य निर्माण सेनानी संघ (पंजी.)
देरादूण। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण सेनानी संघ (पंजी.) न आज उप जिलाधिकारी देरादूण क जरिया प्रदेसा राज्यपाल ले. जनरल (से. नि.) गुरमीत सिंह अर प्रदेसा मुख्यमंत्री धामी थैं प्रदेस मा सकत भू-कानून बण्यें जाणा खूंणि ज्ञापन दे।
ज्ञापन मा ब्वलें ग्यें कि उत्तराखण्ड मा सकत भू-कानून देस अर प्रदेसक भलै अर मनखियौंक भलै खूंणि बौत जरुरी च।
प्रदेस सरकार से ब्वलें ग्यें कि भू कानून खूंणि बण्यीं भू-काननू समिति न रिपोर्ट त्यार कैकि सरकार तैं देयाली छायीं यांका बाद भि सरकारन भू-कानून (संशोधन) विधेयक सदन मा नीं धैरीं जबकि विधानसभा अध्यक्षा न सदन थैं खतम करदा बोलि कि उमा क्वीं काम हि नीं च।
ज्ञापन मा उत्तराखण्ड सरकार 08 अक्टूबर 2018 मा बण्यूं अध्यादेश जैमा उ.प्र. जमींदारी विनाश अर भूमि सुधार अधिनियम 1950 क धारा 243 (क) अर धारा 154 (2) कु संशोधनों क जरिया भूमि मूल्यौंणा मा दियें जाणु वळु जादा बगत थैं खतम करणा मांग कायी।
काम धन्धौं क नौं फर भैर क मनखियों क मूल्यीं जमीन अर सरकारक उथैं दियीं जमीन जै फर तिन साल बटि कुछ भि नीं ह्वै, वीं जमीन थैं वापिस लिंणाक मांग कायी।
ज्ञापन मा उत्तराखण्ड सरकार से या मांग भि कर्यें ग्यें कि प्रदेस सरकार भारत सरकार थैं प्रस्ताव दे अर प्रदेसा क जमीन, संस्कृति, पछ्याण, बोलि भाषा थैं बचौंणा खूंणि उत्तराखण्ड क रैवासियों थैं संविधाना क धारा 371 कु फैदा दियें ज्यां।
उत्तराखण्ड मा भि हिमाचळौ क तरौं खेती पाति क जमीन मूल्यौंणा म रोक लग्यें ज्यां। प्रदेस मा इन्न कानून बण्यें ज्यां कि प्रदेसमा रैंण वळा भैर मनखियौं फर कम से कम 30 साल से पैळि प्रदेस जमीन मूल्यौंणा मा रोक लग्यें ज्यां।
ज्ञापन मा पाड़ मा खेती करणा खूंणि नीति, सकत भू कानून क दगड़ा दगड़ि चकबन्दी कानून बण्यें जाणा क मांग भि कायीं।
ज्ञापन देंण वळों मा उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ (पंजी.) क संगठन क संस्थापक अध्यक्ष ‘सैनिक शिरोमणि’ मनोज ध्यानी, महिला अध्यक्ष श्रीमती आशा नौटियाल, एडवोकेट मदन सिंह रावत, उत्तराखंड आंगनबाड़ी संगठना क अध्यक्ष श्रीमती रेखा नेगी, राज्य आंदोलनकारी श्रीमती बीना भट्ट, श्रीमती सुधा नेगी, श्रीमती पार्वती गुसांईं, सुश्री अर्चना नेगी, श्रीमती सुलोचना मैदौलिया, प्रभात डंडरियाल, श्रीमती सुभागा फर्सवाण, श्रीमती साबी नेगी, श्रीमती देवेशवरी गुसांईं, सुरेश कुमार, सुश्री वैष्णवी शर्मा, उत्तम सिंह राणा छायीं।