भूख से ‘आक्रामक’ स्ट्रीट डाॅग्स, हुए घातक . . .
लाॅकडाउन के शुरूआती दिनों में देहरादून वन प्रभाग की मल्हान रेंज में हुई एक घटना ने वन महकमे को चिंता में डाल दिया है। इस घटना में आवारा कुत्तों ने एक झुण्ड बनाकर जंगल में घुसकर एक हिरन को घायल कर दिया। शुक्र है मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने समय रहते हिरन को छुड़वाकर उसका
उपचार शुरू कर दिया, वरना उसकी मौत तय थी।
वन विभाग के मुखिया जयराज का मानना है कि यदि लाॅकडाउन की वजह से अधिकांश स्ट्रीट डाग्स भूखे हैं लिहाजा उनके व्यवहार में आक्रामकता आ सकती है जो पक्षियों, गिलहरी और हिरन आदि वन्य जीवों के लिये घातक साबित हो सकती है। इसी क्रम में उन्होंने सभी प्रभागीय वनाधिकारियों को आवारा पशुओं के भोजन, चार पत्ति आदि के इंतजाम के आदेश दिये हैं।
सभी प्रभागीय वनाधिकारियों व अन्य वन अफसरों को भेजे पत्र में प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री की ओर से घोषित 21 दिन के लाॅकडाउन के दौरान वन और वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। वन विभाग के फील्ड कर्मचारियों के दायित्व अनिवार्य सेवाओं की प्रकृति के ही हैं। इस लिये ध्यान रखना होगा कि दायित्व निवर्हन को लाॅकडाउन अवधि में भी गंभीरता से लिया जाये। उन्होंने आदेश में जोर देते हुये कहा है कि लाॅकडाउन की दौरान कोई आवारा या लावारिश पशु भूखा न रहे इसका भी ध्यान रखा जाये। उनके आहार की व्यवस्था की जाये। जयराज ने पशु अत्याचार निवारण अधिनियम – 1960 का हवाला देते हुये कहा है कि इस अधिनयिम की धारा व 32 व 34 के तहत प्रभागीय वनाधिकारियों को इसके लिये पूरे अधिकार भी दिये गये हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा है कि यदि आवारा कुत्ते भूखे रहे तो वे पक्षियों व गिलहरी आदि पर आक्रमण करेंगे। इसके अलावा, शहर से लगे जंगलों में घुसकर हिरन व अन्य वन्यजीवों को मारने का प्रयास भी कर सकते हैं।