कोरोना जांच के लिए खास ‘बूथ’
देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए सरकार ने बड़ी संख्या में लोगों की जांच करने के लिए एक खास तरीका खोजा गया है। इसके लिए बूथ बनाए गए हैं। बूथ से बिना संपर्क के लोगों की जांच की जा सकती है।
ऐसा एक बूथ कुछ दिन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बनाया गया है। सूत्रों अनुसार देशभर में ऐसे ‘फोन बूथ’ लगाए जा सकते हैं।
कैसे होगी कोरोना की टेस्टिंग?
कोरोना की जांच के लिए तैयार किए गए ये एलुमिनियम और ग्लास बूथ किसी पीसीओ जैसे लगते हैं। कोरोना वायरस के संदिग्धं मरीजों को बूथ तक जाना पड़ता है। ग्लास एक्सटीरियर के बाहर खड़े होकर चिकित्सा कर्मी को अपना सैंपल देना है। इस तरह पूरी प्रक्रिया में कहीं भी सैंपल देने व सैंपल लेने वाले कर्मी के बीच सम्पर्क नहीं होगा।
यह प्रक्रिया बेहतर है क्योंकि इसमें कहीं भी चिकित्सा कर्मी लोगों के संपर्क में नहीं आते हैं। साथ ही छोटी जगह में बूथ के बन जाने से जगह की जरूरत भी कम होती है। चिकित्सा कर्मी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी पीपीई के बहुत ज्यादा इस्तेसमाल से भी बच जाते हैं। इससे सोशल डिस्टेंसिंग का कारगर तरीके से पालन होता है और न ही बूथ को चलाने के लिए कई लोगों की जरूरत होती है।
पीसीओ से मेल खाने के कारण इसे बूथ कहा गया है। इसमें पीपीई आइटम और संभावित संक्रमित मरीज के लिए स्टरलाइज की हुई किट होती है। यह पोर्टेबल है इसे एक से दूसरी जगह आसानी ले जाया जा सकता है। इसकी लागत भी काफी कम है। एक बूथ की लागत तकरीबन 15,000 से 20,000 रुपये पड़ती है।