राज्यसभा में पारित हुआ जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल, लद्दाख होगा अलग, दोनों बनेंगे नए संघ शासित प्रदेश

UK Dinmaan

नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर पर सरकार का बहुप्रतीक्षित फैसला आखिरकार आ गया है। राज्य सभा में गृह मंत्री अमित शाह ने आज जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करते हुए अनुच्छेद 370 को वापस लेने की घोषणा की है। इसी के साथ जम्मू कश्मीर का एक अलग राज्य का दर्जा भी खत्म कर दिया गया है। अब यह एक संघ शासित प्रदेश बनेगा। सबसे खास बात यह है कि जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है। लद्दाख को भी एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।

राज्यसभा में हंगामे के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया। राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के कई खंड लागू नहीं होंगे। सिर्फ खंड एक बचा रहेगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया है। वहीं उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश बनेगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 का सहारा लेकर तीन परिवारों ने सालों तक जम्मू-कश्मीर को लूटा है। अमित शाह ने कहा, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद जी कहते हैं कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़ता है यह सही नहीं है। महाराज हरि सिंह ने 27 अक्टूबर को 1947 को भारत के साथ विलय पर दस्तखत किए थे। लेकिन अनुच्छेद 370 को 1954 में लाया गया था।

सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह 2-3 सांसदों का संविधान की कॉपी फाड़ने के फैसले की निंदा करते हैं। हम भारत के संविधान के साथ खड़े हैं। हम हिंदुस्तान की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा देंगे। लेकिन आज बीजेपी ने संविधान की हत्या कर दी है। दूसरी बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले का समर्थन किया है। बीएसपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 हटाने का पूरा समर्थन करती है। हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े बिल पास हों।

दूसरी ओर पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और एमएम फैयाज ने सरकार के फैसले का संसद परिसर में विरोध किया है। इससे पहले उनको राज्यसभा से बाहर जाने के लिए कहा गया।

जम्मू-कश्मीर का क्षेत्रफल के हिसाब से बड़ा डिविजन लद्दाख है। काफी समय से वहां के लोगों की मांग थी कि इसे अलग केंद्र शासित प्रदेश की मान्यता मिले। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए इसे जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।

राज्यसभा में पारित हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल में पर्चियों के जरिए वोटिंग की गई। जिसमें पक्ष में 125 वोट, विरोध में पड़े 61 वोट।


क्या है आर्टिकल 370?
जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306 ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया। भारतीय संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अंगीकृत किया गया था। लेकिन इससे करीब एक महीना पहले 17 अक्टूबर, 1949 को आर्टिकल 306 ए भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया। ’इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ ऐक्सेशन ऑफ जम्मू ऐंड कश्मीर टु इंडिया’ की शर्तों के मुताबिक, आर्टिकल 370 में यह उल्लेख किया गया कि देश की संसद को जम्मू-कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के सिवा अन्य किसी विषय में कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा।

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