निराश प्रवासियों का टूूूूटा सब्र का बांध, 2.10 लाख रुपये में निजी बस बुक कर की घर वापसी

UK Dinmaan

लॉकडाउन की वजह से बाहरी राज्यों में फंसे प्रवासी, उत्तराखण्ड सरकार की बेरूखी से परेशान हो चुके है। सिर से पानी ऊपर निकलता देख अब लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है। ऐसे मेें लोग चंदा इकट्ठा कर अपने घर आने को मजबूर है।

सरकार की ओर से प्रवासियों की मदद के लिए मोबाइल नम्बर तो जारी कर दिये हैं लेकिन उनमें से अधिकतर नम्बरों पर फोन उठाया ही नहीं जाता और यदि फोन उठाया भी जाता है तो उनके पास सही जानकारी नहीं होती। जिस कारण लोग परेशान हैं।

सरकार की इस बेरूखी से नाराज सूरत में फंसे 30 उत्तराखण्डियों ने 2.10 लाख रुपये में एक निजी बस बुक कर घर वापसी की ।

सूरत लाई गई निजी बस (संख्या जीजे 06 जेडजेड 5959) में उत्तराखण्ड के 30 लोगों में कैलाश जगूड़ी निवासी देहरादून, सम्पूर्णानन्द पैन्यूली उत्तरकाशी, शिशुपाल सिंह रुद्रप्रयाग, कृष्णानन्द जगूड़ी उत्तरकाशी, गोदाम्बरी देवी, शैला देवी, विनोदा देवी आदि शामिल हैं।

लॉकडाउन घोषित होने के कारण बाहरी राज्यों में रह रहे प्रवासी उत्तराखण्डी हर हाल में अपने राज्य में वापस लौटना चाहते हैं। सरकार की ओर से जारी वेब लिंक में अभी तक लगभग 1.65 लाख लोग उत्तराखण्ड लौटने के लिये रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार इन्हें लाने की व्यवस्था करने में अभी तक नाकाम रही है।

पंजीकृत 1.65 लाख लोगों में से महज 12 हजार लोगों को ही उत्तराखण्ड लाया जा सका है। शेष पंजीकृत लोगों का कहना है कि उनकी घर वापसी कब और कैसे होगी इसे लेकर सरकार की ओर से कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी जा रही है। लिहाजा प्रवासी लोग परेशान हैं। आज और कल के आश्वासन से अब उनकी हिम्मत भी जवाब देने लगी है। सरकार उन्हें विश्वास दिलाने में पूरी तरह असफल रही है।

यही वजह है कि सूरत से 30 लोग एक निजी बस बुक करके उत्तराखण्ड पहुंचे । बस कीी बुकिंग का पैसा इन लोगों ने आपस में चंदा एकत्रित करके दिया है।

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