विधानसभा मा नियम तोड़िक अर पिछनै क द्वार बटि भर्ति प्रदेस मा भ्रष्टाचार कि ज्यूंदि मिसाल : इन्द्रेश मैखुरी
देरादूण। उत्तराखण्ड विधानसभा मा भर्ति मा पिछनै क द्वार बटि ह्वीं भर्ति क मामला मा, विधानसभा बटि कर्मचारियों थैं भैर निकल्णां कु फैसला थैं उच्च न्यायालयन न भि सै मानि।
नैनीताल उच्च न्यायालय क संयुक्त पीठ न एकल पीठ कु आदेश थैं सुंणणा क बाद एकलपीठ कु कर्मचारियों क नौकरि पर दुबरा रखणा कु आदेश पर रोक लग्यें दे। संयुक्त पीठ न बोलि कि विधानसभा मा पिछैन क द्वार बटि नौकरि करण वळा कर्मचारियों थैं भैर करणा कु विधानसभा कु आदेश सै च।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी अर न्यायमूर्ति आरती क संयुक्त पीठन लग्यें। संयुक्त पीठन बोलि कि विधानसभा मा पिछनै क द्वार बटि नौकरि करण वळौं थैं नौकरि बटि भैर करणा कु विधानसभा अध्यक्षा कु आदेश मा रोक नीं लग्यें जै सकदि।
उच्च न्यायालयन कु विधानसभा मा ह्वीं गलत तरिकौंन ह्वीं भर्तियों थैं खतम करणा कु फैसला फर भाकपा क गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी न उच्च न्यायालयन कु आभार बोलि।
इन्द्रेश मैखुरी न बोलि कि विधानसभा मा पिछनैं क द्वार बटि ह्वीं या भर्ति प्रदेस मा भ्रष्टाचार कि ज्यूंदि मिसाल च। उन्न यु सवाल भि खडु़ कै कि जु भर्ति हूंया छायीं, ऊंकी त नौकरि चलिग्यें पर जौन नियम तोड़िक अर पिछनै क द्वार बटि या भर्ति कै अर प्रदेस क लैक (योग्य) नौन्यिाळु कु भवैष्य क दगड़ खिलवाड़ कै, आखिर वु भैर खुल्ला मा किलै घुमणा छन, उ फर कारवै किलै नीं हूंणि च।
मुखरी न या मांग भि कायी कि पैल्यक विधानसभा अध्यक्ष अर अबि कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल थैं अबि पद बटि हट्यें जाण चैंद।