स्व. राजेन टोडरिया को 6 वीं पूण्य तिथि पर दी भावभीनी श्रद्दांजलि

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गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के 142 वें धरना दिवस में आज पत्रकारिता में निर्भीकता का प्रतीक, स्वस्थ राजनीति और देश हित के लिए पूर्ण समर्पित रहे उत्तराखंड की अनमोल धरोहर स्व. राजेन टोडरिया जी को उनकी 6वीं पूण्य तिथि पर भावभीनी श्रद्दांजलि दी गई।

आज संघर्ष स्थल पर उन्हें श्रद्दांजलि देने पहुंचे युवाओं ने उनकी प्रकाशित 07 कृतियों का वाचन कर उन्हें अपनी ओर से श्रद्धांजली दी।

गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के संरक्षक मंडल सदस्य आनंद प्रकाश जुयाल ने अपने पिता कवि स्व मनुज जुयाल की छह कृतियों जिनमें मनुज मंथन, मन्थरा मर्म, ज्योति दान, श्रीदेव श्रद्धांजलि, मुंडेर पर व श्रीमद्भागवतगीता (हिन्दी काव्य में) को उनके पुत्र श्री लुशून टोडरिया को सम्मान स्वरूप भेंट की।

इस अवसर पर संपन्न हुई जनसभा को प्रख्यात मीडिया कर्मी डॉ गोविंद कपटियाल, गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के रणनीतिकार मनोज ध्यानी, मदन सिंह भंडारी, उत्तराँचल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष योगेश भट्ट, सौरभ टोडरिया, समाजसेविका सुश्री शीला रावत, सामाजिक कार्यकर्ता त्रिलोचन भट्ट, पत्रकार एवं पूर्व नौ सेनाधिकारी पीसी थपलियाल आदि ने भी संबोधित कर अपनी भावभीनी श्रद्दांजलि स्व. राजेन टोडरिया जी को दी।

श्रद्धांजलि सभा के अंत में दो मिनट का मौन रखा गया। तदुपरांत गैरसैंण अभियान के सभी युवा अभियानकर्मी गैरसैंण मुद्दे एवम् समूह ग को लेकर आंदोलनकारियों द्वारा आहूत मुख्यमंत्री आवास कूच को समर्थन देने निकल पडे़।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंचे अन्य महानुभावों में युवा आह्वान के सुश्री चेतना भट्ट व श्री अंकित बिष्ट, गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, हर्ष मैंदोली, सुशील सिंह कैंथुरा, विजय सिंह रावत, अरविंद सिंह नेगी, गोविंद सिंह बिष्ट, शम्भू प्रसाद भट्ट, गौरव टोडरिया, जयदीप सकलानी, डॉ मदन मोहन गौड़, मनोज कुमार बडोला, राकेश चन्द्र सती, कृष्ण काँत कुनियाल, रविन्द्र प्रधान, पूरन सिंह राणा, किरण किशोर, सोहन सिंह आदि बड़ी संख्या में समाजसेवी उपस्थित हुए।