प्रेस, भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्तंभ और समाज का सुरक्षा कवच भी: स्वामी चिदानन्द
ऋषिकेश। 3 मई ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सम्पूर्ण मीडिया जगत को शुभकामनायें देते हुये कहा कि सूचना क्रांति के इस युग में, मीडिया जगत जिस प्रकार निष्पक्ष, विश्वसनीयता युक्त, वास्तविक तथ्यों से समाज को अवगत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुये हमारे समाज के बेजुबान लोगों की सशक्त आवाज बनाकर उन्हें सुरक्षा प्रदान करवा रहा है, वास्तव में यह अद्भुत सेवा है।
उन्होंने कहा कि प्रेस, भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और समाज का सुरक्षा कवच भी है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि इस समय कोरोना वायरस भारत समेत दुनिया भर में स्वास्थ्य और जीवन के लिये गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। पूरी दुनिया इससे प्रभावित हैै, ऐसे समय में मीडिया जगत, समाज के लोगों के विचारों को प्रभावित करने, भय व भ्रम से बाहर निकालने और सकारात्मक परिवर्तित करने में अहम भूमिका निभाता सकता है। वर्तमान समय में भारत को समालोचनात्मक भूमिका निभाने वाले मीडिया मंच की जरूरत है।
स्वामी जी ने कहा कोविड के दौरान मीडिया कर्मियों ने अपने प्राणों को जोखिम में डालकर समाज को सत्य से अवगत कराया और लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। कोविड के इस दौर में हमने अपने प्यारे मीडिया बंधुओं और बहनों को भी खोया है, उन सभी को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि।
स्वामी जी ने कहा कि मीडिया अपने कार्यों एवं कर्तव्यों को बखूबी निभा रहा है। ऐसे में हम सभी को भी हमारे मीडिया परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के प्रति भी जागरूक होना होगा। हम सभी को मिलकर इंसानियत को बचाने के लिये आगे आना होगा तभी मानवता का अस्तित्व सुरक्षित रह सकता है। सरकारें और समाज यह न भूल जाये कि ये भी इन्सान हैं, इनकी भी जरूरतें हैं। इनकी भी जान है, खुद को खतरे में डालकर खबर बनाते हैं परन्तु दुःख है कि कोरोना संकट में कई पत्रकार खबर बनाते-बनाते खुद ही खबर बन गये। समाज के ऐसे जिन्दादिल जागरूक पत्रकारों के प्रति समाज और सरकार को भी जागरूक होना होगा, तभी उनकी और उनके परिवारों का स्वास्थ्य एवं जीवन सुरक्षा सभंव हो पायेगी। इन सब की सेवाओं को नमन।