मंत्री की मौजूदगी में थाना इंचार्ज की पिटाई
UK Dinmaan
रुद्रपुर: अरविंद पांडेय की मौजूदगी में खनन कारोबारियों ने कुंडेश्वरी पुलिस थाना इंचार्ज के साथ न केवल गाली-गलौज ही नहीं बल्कि हाथापाई भी की। इस हाथापाई में थाना इंचार्ज नीचे गिर गए, उन्होंने किसी तरह से अपने ऑफिस में जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर अपनी जान बचाई। हालांकि सीओ और कोतवाल के पहुंचने के बाद मामला शांत हो गया। शिक्षा मंत्री और खनन माफियाओं का हाई बोल्टेज ड्रामा करीब आधे घंटे तक चला।
गौरतलब है कि जिले के बहादुर, ईमानदार और कड़क एसएसपी बरजिंदर जीत सिंह ने अवैध खनन और अवैध वसूली की शिकायत पर कुंडेश्वरी थाना इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया था। जिसके बाद अर्जुन गिरी गोस्वामी को थाना इंचार्ज बनाया गया था। खनन कारोबारियों ने आरोप लगाया कि थाना इंचार्ज क्षेत्र में अपनी तानाशाही कर रहा है। मनमाने तरीके से अंडरलोड वाहन भी सीज किए जा रहे हैं। किसी को भी पकड़कर पीटा जा रहा है। इस बात को लेकर खनन कारोबारी मंगलवार को भड़क उठे। पहले उन्होंने कुंडेश्वरी स्थित हाइडिल पर मीटिंग कर रोष जताया। जहां शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के साथ सभी खनन कारोबारी पैदल कुंडेश्वरी पुलिस थाना पहुंचे।
जहां पर थाना इंचार्ज गोस्वामी को देख खनन कारोबारी भड़क उठे। उन्होंने शिक्षा मंत्री के संरक्षण में थाना इंचार्ज को न केवल गाली-गलौज की बल्कि भीड़ ने उनके साथ हाथापाई की और वर्दी फाड़ दी। किसी तरह एसएसआइ ने अपने ऑफिस में बने छोटे कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर जान बचाई।
एसएसआइ अर्जुन तब तक कमरे से बाहर नहीं आया जबतक सीओ मनोज कुमार ठाकुर और कोतवाल चंचल शर्मा मौके पर नहीं पहुंच गए। सीओ और कोतवाल से भी खनन कारोबारी और शिक्षा मंत्री ने एसआइ के व्यवहार पर नाराजगी जताई।
कोतवाल शर्मा के मामला सही कराने के आश्वासन के बाद शिक्षा मंत्री पांडेय के साथ सभी खनन कारोबारी चैकी से बाहर चले गए। इस मौके पर थाने पर करीब 500 खनन कारोबारी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी कालाढूंगी में भाजपा समर्थकों ने थाने में आग लगा दी थी और एक एसआई को जिंदा जला दिया था। अब देखना ये है कि जीरो टॉलरेंस वाली त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में क्या पुलिस थानों और चैकियों में भी पिटेगी जबकि भीड़ का नेतृत्व उन्हीं के मंत्रिमंडल के सदस्य कर रहे हो।