उत्तराखण्ड प्रदेेश में तीसरे इंजन की तैयारी शुरू, प्रदेश की जनता के साथ खिलवाड़ नहीं तो क्या है?
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तीरथ सिंह रावत ने देर रात राज्यपाळ बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया। ऐसे में जहां उपचुनौ का लड़ने का संवैधानिक संकट समाप्त हो गया, क्योंकि अब यह तय है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री विधायकों में से ही होगा। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में नये मुख्यमंत्री की दौड़ शुरू हो गयी। फिलहाल सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, व बिशन सिंह चुफाल के नाम दौड़ में शामिळ बताये जा रहे हैं।
"Uttarakhand Chief Minister Tirath Singh Rawat submitted his resignation letter from the post of Chief Minister at Raj Bhawan," tweets Uttarakhand Governor Baby Rani Maurya pic.twitter.com/XkHE0nByGF
— ANI (@ANI) July 2, 2021
बड़ा सवाळ ही यह है कि आखिर ऐसा कौन सा ग्रहण उत्तराखण्ड को लगा हुआ है कि जहां सिवाय स्व. नारायण दत्त तिवारी को छोड़ एक भी मुख्यमंत्री पांच साल का अपना कार्यकाळ पूरा नहीं कर पा रहा है।
सवाल सबसे बड़ी पार्टी का दम भरने वाली भाजपा पर भी है कि आखिर क्यों देवभूमि उत्तराखण्ड की भोली-भाॅली जनता के साथ बार-बार छल कर रही है?
तीरथ भाजपा हाई कमान के इशारे पर ही प्रदेश में मुखिया की गद्दी पर विराजमान हुये थे। यही कारण था कि उन्होंने मोदी को भगवान तक का दर्जा दे दिया। ऐसे में भक्त तीरथ सिंह रावत से आखिर कहा और ऐसी क्या गलती हुई कि 4 महीने के भीतर ही भगवान उनसे नाराज हो गये। आखिर बिना भगवान की इजाजत के उत्तराखण्ड में सत्ता परिवर्तन तो हुआ नहीं होगा?
दिल्ली से दून पहुंचे तीरथ सिंह रावत का दर्द प्रेस वार्ता में साफ दिखायी दे रहा था। यही बड़ा कारण था कि तीरथ सिंह रावत ने अपनी भविष्य की कार्ययोजनाओं व घोषणाओं का खाका प्रेस वार्ता में रखा। अपने इस्तीफे के सवाल पर में उन्होंने चुप्पी ही साधे रखी और किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
लोकतंत्र में जनता मालिक होती है। लेकिन उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि प्रदेश मुखिया दिल्ली दरबार में जी हजूरी कर रहा है और अपने आकों के द्वारा राॅबोट की तरह संचालित हो रहा है। इसकी ही बानगी है कि प्रदेश में डबल इंजन फैल होने के बाद अब तीसरा इंजन उत्तराखण्ड की जनता को धक्का देने के लिए लगाया जा रहा है। यह प्रदेश की जनता के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है? सवाळ यह भी है कि क्या नये मुख्यमंत्री मात्र से जनता अपने साथ हो रहे खिलवाड़ को भूल जायेगी।
प्रदेश में अब तक बने मुख्यमंत्रियों की सूची –
1. नित्यानन्द स्वामी ,9 नवम्बर 2000 से 29 अक्टूबर 2001
2. भगत सिंह कोश्यारी, 30 अक्टूबर 2001 से 1 मार्च 2002
3. नारायण दत्त तिवारी, रामनगर से 2 मार्च 2002 से 7 मार्च 2007 तक
4. भुवन चन्द्र खण्डूरी , 8 मार्च 2007 से 23 जून 2009
5. रमेश पोखरियाल निशंक, 24 जून 2009 से10 सितम्बर 2011 तक
6. भुवन चन्द्र खण्डूरी, 11 सितम्बर 2011 से 13 मार्च 2012 तक
7. विजय बहुगुणा, 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014 तक
8. हरीश रावत, 1 फरवरी 2014 से 27 मार्च 2016
रिक्त (राष्ट्रपति शासन), 27 मार्च 2016 21 अप्रैल 2016 तक
9. हरीश रावत, 21 अप्रैल 2016 से 22 अप्रैल 2016 तक
रिक्त (राष्ट्रपति शासन) 22 अप्रैल 2016 से 11 मई 2016 तक
10. हरीश रावत, 11 मई 2016 से18 मार्च 2017
11. त्रिवेन्द्र सिंह रावत 18 मार्च 2017 9 मार्च 2021 तक
12. तीरथ सिंह रावत 10 मार्च 2021 से 2 जुलाई 2021 तक
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