क्या प्रेमचन्द्र अग्रवाल नैतिकता क आधार पर इस्तीफा द्येला
उत्तराखण्ड विधानसभा मा भर्ति मा पिछनै क द्वार बटि ह्वीं भर्ति क मामला मा, विधानसभा बटि कर्मचारियों थैं भैर निकल्णां कु फैसला थैं उच्च न्यायालयन न भि सै मानि।
नैनीताल उच्च न्यायालय क संयुक्त पीठ न एकल पीठ कु आदेश थैं सुंणणा क बाद एकलपीठ कु कर्मचारियों क नौकरि पर दुबरा रखणा कु आदेश पर रोक लग्यें दे। संयुक्त पीठ न बोलि कि विधानसभा मा पिछैन क द्वार बटि नौकरि करण वळा कर्मचारियों थैं भैर करणा कु विधानसभा कु आदेश सै च।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी अर न्यायमूर्ति आरती क संयुक्त पीठन लग्यें। संयुक्त पीठन बोलि कि विधानसभा मा पिछनै क द्वार बटि नौकरि करण वळौं थैं नौकरि बटि भैर करणा कु विधानसभा अध्यक्षा कु आदेश मा रोक नीं लग्यें जै सकदि।
हाईकार्टक संयुक्त पीठ के फैसल क बाद अब प्रदेस मा वै बगत क विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल थैं कैबिनेट बटि हटयें जाणा क चर्चा सुरू ह्वैग्यें। कांग्रेस न भाजपा थैं नैतिकता कु पाठ पढ़े अर बोलि कि भाजपा प्रदेस प्रवक्ता अफि ब्वना छन कि अगर वै बगत विधानसभा अध्यक्षा क ऐ मामला मा सामिल छन ता ऊ फर कारवै हूंण चैंद।
उत्तराखण्ड विधानसभा मा 228 कर्मचारियों थैं हटौंणा कु फैसल थैं सै बतै। प्रेमचन्द्र अग्रवाल न विधानसभा मा हूंणि वलि भर्ति नियमु थैं एक कुणा मा धैरिक अपणि पार्टी अर नेताओं क कुटुम्दरि थैं प्रार्थना पत्र फर हि नौकरि दे द्यायी। हाईकोर्ट क आदेश क बाद जख विधानसभा मा पिछने क द्वारा बटि नौकरि लग्यां कर्मचारियों क नौकरि चलिग्यें पर जन्नि ऊंथैं नियम तोड़िक नौकरि द्यायी उ फर क्वीं कारवै नीं ह्वै। जै का बाद यु सवाल खडु हूंणू च कि क्या प्रेमचन्द्र अग्रवाल नैतिकता क आधार पर अपडु इस्तीफा द्येला?