प्रदेश में बिजली संकट बढ़ा

राज्य में लोगों को शनिवार को सीजन के सबसे बडे़ बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। राज्य में बिजली डिमांड 45.5 मिलियन यूनिट के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। जबकि उपलब्धता सिर्फ 38.5 मिलियन यूनिट ही है। इस कारण आज औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा छोटे बडे सभी नगरों में कटौती करने की तैयारी है।

बिजली की उपलब्धता और खपत में अंतर होने के चलते विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न समय पर कटौती की रणनीति बनाई गई है। ग्रामीण क्षेत्र व औद्योगिक क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से कटौती की जाएगी।

शुक्रवार को भी कई उद्योगों के लिए छह घंटों ग्रामीण क्षेत्रों में चार से पांच घंटे और ज्वालापुरॉ हल्द्वानी, काशीपुर, जसपुर, बाजपुर, कालाढूंगी, डोईवाला समेत नगरों में दो घंटे तक की कटौती रही जबकि बडे़ नगरों में एक घंटे तक की कटौती रही। देहरादून के कुछ हिस्सों में भी कटौती करनी पडी़। शनिवार के लिए राज्य की डिमांड 45.5 एमयू की डिमांड के मुकाबले सात मिलियन यूनिट बिजली कम है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से छह घंटों छोटे नगरों में दो से तीन घंटे और बड़े शहरों में एक घंटे से अधिक की कटौती हो सकती है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के अनुसार राज्य को पहले 7.5 एमयू बिजली गैस प्लांट से मिलती थी जो कि पूरी तरह बंद हैं। इस बार गर्मी बढ़ने से पांच एमयू की डिमांड समय से पहले ही बढई गई है। इस तरह राज्य पर 12.5 एमयू का अतिरिक्त भार बढई गया है। पहले यूपीसीएल को बाजार से सिर्फ तीन चार एमयू ही बिजली लेनी पड़ती थी। इस बार 15 एमयू तक बिजली लेनी पड़ रही है।

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