सत्ता की रस्याण, तू बि चाख अर तू बि चाख
मोर्यीं जालु पर भाजपा दगड़ि नीं जौलु, यीं ब्वन वला नीतीश कुमार एकदा दुबरा भाजपा दगड़ि खड़ा छन। 2020 विधानसभा चुनौ क बाद नीतीश कुमार न द्वी दा वाडु (पाला) बदलि कै याली।
2024 लोकसभा चुनौ से पैलि नीतीश कुमारन प्रधानमंत्री बणण कु सुपिनु देखि छायीं यां खूणि उन्न राष्ट्रीय राजनीति में जादा टक लग्यें अर प्रदुसु मा जै-जै जैकि सबि क्षेत्रीय दलु तैं एक कायी अर दगड़ि मिलकैकि चुनौ लणणा खूणि त्यार कायी। उन्न इण्डिया नौ से एक महागठबंधन त्यार कायी। पर ठीक लोकसभा चुनौ से पैलि नीतीश कुमारन इण्डिया गठबंधन तैं गुंठा दिख्येकि एनडीए गठबन्ध कु हत्थ थामी दे।
बिहार मा एकदा दुबरा सत्ता बदलि ह्वेग्ये। गठबन्धन बदलि ह्वे पर नीतीश बदलि नी ह्वे। नीतीश कुमार 9वीं दा मुख्यमंत्री बणिग्यीं। इन्न मा सवाल खड़ा हूंणा छन बल आखिर नीतीश मा इन्नु क्य च कि भाजपा हूयां या आरजेडी नीतीश क बिना बिहार मा सरकार नी बण्यें सकणि छन?
साल 2020 बिहार विधानसभा चुनौ नीतीशा पार्टी जेडीयू न 43 सीट अर भाजपा न 74 सीट जीति, त वखि आरजेडी न 75 सीट जीति। सिरफ 43 सीट जितण बाद जेडीयू क नीतीश मुख्यमंत्री बणिग्यींन।
खास बात या की 2020 बटि नीतीश कुमारन द्वी दा वाडु बदलि कायी पर द्विया दा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हि बणिन। नीतीश न यख राज्पाल तैं इस्तीफा दे अर दूसर तरफि बण्यूं मंच बिटि मुख्यमंत्री सौं ल्यायी। मुख्यमंत्री बणण बाद वीं रट्यूं बयान गठबंधन मा काम सै ढ़ग से नीं ह्वे सकणा छायीं इल्लै हमन गठबंधन छोड़ि द्यायी। नीतीशा एक फैसलान झटाक बिहारा सर्या राजनीति बदिल द्यायी। लालू यादव अर उपमुख्यमंत्री दय्खदा हि रैग्यीं।
2020 मा भाजपा अर जदूय न मिलकैकि चुनौ लैड़ि जै मा जेडीयू तैं 43, भाजपा तैं 74 सीट मिलिन। नीतीश मुख्यमंत्री बणिन। अगस्त 2022 मा नीतीश कुमारन भाजपा तैं छोड़िकि आरजेडी दगड़ि सरकार बण्यें दे। अर अब डेढ़ साल बाद दुबरा वाडु बदलि कैकि भाजपा दगड़ि सरकार बणैं याली।
नीतीश कुमारन 1995 बटि विधायक कु चनौ हि नी लैड़ि, वु विधानपरिषद मा हि रैयां अर वुकी पार्टी तैं कबि तैं बहुमत नीं मिलि, यांका बाद बि नीतीश कुमार 9बारा मुख्यमंत्री छन। इतगै हि ना नीतीश कुमार हि इन्न छन जौंन अपणा कार्यकाल मा तीन-चार बार मुख्यमंत्री पदा सौं ल्यायी।
कबि एनडीए, कबि महागठबंधन। बिहारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपणि कुर्सी खातिर कब तक इन्न बिहारा जनता तैं ध्वका देंणा राला। कथैं बि पता नीं छायीं। द्वी साल तक प्रधानमंत्री तैं पाणि प्यें-प्यें (पी-पीकर) गाली दिंण वला नीतीश अब एकदा दुबरा मोदी की पुछणि पकड़ि की 2024 लोकसभा चुनौ मा अपणि चुनावी नैया पार करण कोसिस करण छन।
त वखि भाजपा खळाखळ ध्वका खाणा बाद बि 2024 लोकसभा चुना से पैलि नीतीश दगड़ि हत्थ मिलाणि च। यां से साफ च कि भाजपा एक-एक सीट जितण चाणि च।
दूसरि तरफा अयोध्या मा राम मंदिर बणाणा बाद सर्या देस मा भाजपा लहर च। नीतीश तैं बि या बात समझा मा ऐग्यें कि मि प्रधानमंत्री नी बणि सकदौ। इन्न मा अपणु राजनैतिक भवैष्य बचौंण खूणि भाजपा क पुछणि तैं पकणु नीतीशा राजनैतिक मजबूरि ह्वेग्ये।
बिहार आज देसा सबसे गरीब प्रदेस च। त यां खूणि भाजपा अर राजद द्विया बराबरा जिम्मेदार छन। यखम सवाल भाजपा अर आरजेडी से बि च कि ‘बार-बार वाडु बदलण वलु नीतीश तैं मुख्यमंत्री कुर्सी किलै?
साफ च कि बिहारा विकास से कैथैं क्वीं मतलब नीं च, बस सत्ता सुख चैंणु च। आज बिहार मा नीतीश एकदा तु, एकदा तु कैकि भाजपा अर राजद तैं सत्ता की रस्याण चखणा वलु रस्वाळ बण्यां छन। अब यु बिहारै जनता पर च, कि वा कतगा जल्दी यीं बात तैं समझदि कि इन्नि राजनीति से बिहारा भलु कतै नीं ह्वे सकदु।