पर्यटन कु असर . . .
UK Dinmaan
द्वी साल बटि रूक्यूं पर्यटन थैं ऐसु क साळ मा पौंखुड़ा लगि ग्यीं। बौत बड़ि संख्या मा देस विदेस बटि पर्यटक उत्तराखण्ड आणा छन। उत्तराखण्ड मा पर्यटन अर रोजगार खंूणि या बौत अच्छि बात च कि बड़ि संख्या मा देस विदेसी पर्यटक उत्तराखण्ड क खुबसूरत पाड (पहाड़) मा आणा छन। लेकिन यां क दगड़ा मा सबसे चिंता क बात या च कि पर्यटक सीजन मा मौज मस्ती अर पर्यटकु क खराब हरकत भि दिय्येंणि छन। एक तरफ जाम मा फस्यां जात्रि, सड़क्यिा मा हूंणा वळा हादसा, जात्रियों क मंतग (मस्ती), भगवान केदारनाथ क मंदिर मा हूंका लेकैकि पौंछणु, गंगा के कुंण मा बैठिक शराब पार्टी क खबर या हम खूंणि चिन्ताजनक च। हमन इन्न कबि नि सोचि छायी।
पर्यटन क दगड़ हमथैं कुछ सुखद पहलू दिखैं दिदन त खराब बातिक क ढोळ जादा बजदींन। कोरोना क बाद आज पर्यटन न अप्फु थैं अगने बणाणा कु काम कायी, जै कारण से उत्तराखण्ड मा पर्यटन थैं पौखुड़ा लग्यीं। लेकिन पर्यटन थैं लेकैकि सवाल तब खड़ा हूंण छन जब देवभूमि का गंगा कूंणा मा बैट्ठि कि शराब पैयें जाणी च? या देवभूमि क संस्कृति त कतैं नि च। पर्यटकु क या हरकत अर इन्न मनखियों थैं पर्यटक मनणु सै नि च।
हम पर्यटन थैं भीड़ क तरौ दय्खदा दय्खदा कख ऐग्यां या स्वचण वलि बात च। भीड़ हमरा होटळु थैं भोरि सकदि। बिंडि पैसा खर्च कैकि होटळु मा खाणा भि खै सकदि लेकिन क्या बिन्डि पैसा खर्च कैकि पर्यटकु थैं यख शान्ति मिलळि या फिर भीड़ क भरोसु पर हम उत्तराखण्ड क पर्यटक जगों थैं सम्भालिक रखैं सकदो। सबसे जादा पर्यटन केन्द्र मा सफै, पाणि अर टैक्सियों क परेशानी च। पर्यटक थैं हम आखिर क्या दिखौंण चाणा छन अर क्या अहसास करौंण चाणा छन? अबि पिछल दिन मा चारधाम जात्रा मा सफै थैं लेकैकि एक मनखि कु बण्यूं वीडियो सोशल मीडिया मा खूब वायरल हूंण च, वायरल वीडिया क भाषा हमथैं अर हमरा प्रशासनिक तंत्र क बुज्यां आंखा ख्वलण कु काम करणु च।
जू भि हूयां पर्यटन उत्तराखण्ड क संकल्प, साधना अर सेवा क रूप मा समणि नि आणु च। केवल अर केवल होटळु क बुकिंग अर आंकड़ों से उत्तराखण्ड क आर्थिक मजबूत हूंणि च बस।
कैथैं ईं बातक फिकर नि च कि च इन्न पर्यटन क कीमत हमरा उत्तराखण्ड के रैवासियों थैं हि उठाण प्वड़नि च। सर्या गढ़वाल कुमौं मा परिवहन व्यवस्था चौपट च, जै कारण से प्रदेस क रैवासियों पर उल्टु असर प्वड़नु च। इन्न मा हमथैं पर्यटक क जगों अर जात्रा क दौरान प्रदेस के रैवासियों क सुविधाओं क अलावा ऊंकी समस्याओं क इंतजाम पर भि ध्यान देंणु प्वाड़ळु। तबि हम बोलि सकदा कि देवभूमि का आपकु स्वागत च।