पाड़ मा डॉक्टरू थैं पौंचाणा खूंणि नै जंत (तरकीब) करणि च धामी सरकार
पाड़ क रैवासियोंक सबसे बड़ी समस्या पाड़ मा अपड़ि बिमरि थैं लेकैकि च। कारण बौत सर्या छन लेकिन सबसे बडु़ कारण च पाड़ मा डाक्टर कमी। डॉक्टर पाड़ मा नौकरि हि न करण चादा।
धामी सरकार डॉक्टर थैं पाड़ मा चढ़ाणा खूंण अब नै जंत करणि च। यां खूंणि स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावतन सर्या त्यारि पूरी कैरि याली जै से डॉक्टर अब पाड़ मा नौकरि करणा खूंण त्यार ह्वै जाला।
डॉ. धन सिंह रावतन बोलि बल पाड़ मा नौकरि करण वला डॉक्टरू थैं सैंण मा नौकरि करण वळा डॉक्टरू से 50 प्रतिशत जादा तनखा मिलळि। जन्न कि सैंण मा नौकरि करण वला डॉक्टर थैं 2 लाख रुप्या मिलदन त पाड़ मा नौकरि करण वला डॉक्टर थैं अब 3 लाख रूप्या मिलला। उन्न बतै बल या बड़ी मुसकिल छायी, पाड़ मा बदली हूंण क बाद भि डॉक्टर पाड़ मा नौकरि करणा खूंणि नि जाणा चादा।
डॉ. धन सिंह रावतन बोलि बल साल भर बाद स्वास्थ्य विभाग एक दम बदलि ह्वै जाळु। जै खूंणि हमन सबसे पैळि पाड़ कु अस्पताल मा डॉक्टरू फट्यौणा कु काम पर ध्यान देंणु प्वाड़ळु। या खूंणि हमन नै जंत (तरकीब) लगै। अब पाड़ मा नौकरि करण वला डॉक्टरू थैं सैंण मा नौकरि करण वळा डॉक्टरू से 50 प्रतिशत जादा तनखा मिलळि।
डॉ. धनसिंह रावतन क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट थैं नै रूप मा कैबिनेट मा ल्याणा क बात बोलि।
उन्न बोलि कि पाड़ मा डॉक्टर पौंछाणा सरकार अर स्वास्थ्य विभाग खूंणि सदनि मुसकिल काम रायी। उन्न बतै कि पैलि सरकारन पाड़ मा डॉक्टरू के कमी थैं पूरू करणा खूंणि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज मा पास हुयां डॉक्टरू से पाड़ मा नौकरि करणा कु अनुबंध कायी। फीस भि कम कायी लेकिन डॉक्टर तब भि पाड़ मा नि ग्यें। इन्न मा अब सरकार एक नै जंत करणि च जै से डॉक्टर पाड़ मा जाणा खूंणि त्यार ह्वै ज्यां।
स्वास्थ्य विभाग क अधिकारियों के ब्वन च बल अबि पाड़क अस्पताळु बटि करीब 80 डॉक्टर गैब छन। जौ फर सीएमओ क तरफ बटि करवै चलणि च।
इन्न मा अब या देय्खण वलि बात च कि क्या सरकार क नै जंत से डॉक्टर पाड़ मा जाणा खूंणि त्यार ह्वै जन्दिन? अगर इन्न ह्वै त या पाड़ क रैवासियों खूंणि बौत खुसी क बात ह्वैळी।