‘ओमप्रकाश’, बदल्या-बदल्या दिख्येंणा छन ‘सरकार’
देरादूण।
अभि-अभि मुख्य सचिव की कुर्सी का बैठ्यां आईएएस अफसर ओमप्रकाश थैं सभि ळोग जणदा छन। अभि तक त ऊंकु काम करणा का तरीका कभि भि तेज तरार्र नि रायी। टुप्प (चुपचाप) फैसळा लिंण क कारण ऊंका फैसळों मा कै बार विवाद भि ह्वायी। लेकिन जनि ऊं मुख्य सचिव कि कुर्सी मा बैट्ठी ग्यी त उंकी काम करणा क ढंग सख्त प्रशासक जन नजर आणा छन।
राज्य बणणा क बाद मार्च 2001 मा ओमप्रकाश उत्तरप्रदेश बटि उत्तराखण्ड मा ऐग्यें। डेढ साळ तक देहरादूण का जिळा अधिकारी रैंण का दगड़ा-दगड़ मा ऊंळ कई बड़ि जिम्मेदारी भि निभे। अब ळगभग 33 साळ कि राजकीय सेवा का बाद 31 जुलाई मा ओमप्रकाश थैं उत्तराखण्ड का मुख्य सचिव बणायें ग्यायी। अभि तक ऊंकी नौकरि का आकळन करै जावा त उंकी नाम हमेशा विवादित अफसरों मा ही रायी। सच याेें भि च ऊं पर कतगा हि भ्रष्टाचार का आरोप लग्या छन पर साबित नि ह्वै साका।
साबित किळै नि ह्वायी या त अळग बात च। लेकिन अब तक उत्तराखण्ड मा ऊंका 19 बरस बिना बात का विवादों मा नि प्वाड़, बल्कि उंका रिश्ता सभि राजनेताओं दगड़ हमेशा अच्छा रैंय्या।
जबरि मुख्यमंत्री त्रिवेद्र रावत खण्डूड़ी-निशंक सरकार मा कृषि मंत्री छायी तब ऊंका सचिव ओम प्रकाश
हि छायी, तभि त्रिवेन्द्र रावत अर उंकी जुगलबन्दी काफी चर्चाओं मा राय्यीं। वैं बगत गाजियाबाद का रैंण वळा जयप्रकाश त्रिपाठी न हाईकोर्ट मा एक जनहित याचिक डाळी छायी। याचिका मा त्रिपाठी जांच आयोग न बीज मामळा मा भाजपा सरकार क तत्काळीन कृषि मंत्री त्रिवेन्द सिंह रावत, कृषि सचिव ओम प्रकाश अर तत्काळीन कृषि निदेशक मदन ळाळ थैं जिम्मेदार बतायें ग्यायी। जै मा हाईकोर्ट न बाद मा याचिका थैं खारिज कैरि द्यायी।
ईं कारण च कि ओमप्रकाश थैं मुख्य सचिव बैणें जाणा कु विरोध सोशळ मीडिया मा खुब ह्वै।
लेकिन मुख्य सचिव बणणा क बाद ओमप्रकश क रंग-ढंग़ अगळ हि दिखेंड़ा छन। ऊंळ नौकरशाहाेें थैं ताश का पत्तों की तरह फेंट द्यायी। कई जिळों का डीएम बदळि करि द्यी। मुख्यमंत्री का 18 मैना पैळि क आदेशों थैं एक किनारा करणा वळा पीडब्ळूडी क एक अनुभाग का सभि कार्मिकों थैं बदळ द्यायी, अर कार्मिकों थैं सुधरणा खुणि हिदायत दे द्यायी।
अब तक गिनती क पत्रकारों थैं मुख लगाणा वळा ओमप्रकाश न कुर्सि मा बैठ्दा हि सभि पत्रकारों सै राज्य विकास अर प्रगति मा सहयोग मांगी।
अब ओमप्रकाश क काम अर काम करणा क ढंग पर त्रिवेन्द्र सरकारैै छवि निर्भर काराळी।
जाणकार ळोगु क माने जावां त देरादूण बटि दिल्ळी तक मुख्यमंत्री न ओमप्रकाश का विराध थैं एक किनारा कैरिक मुख्य सचिव बणायीं, बस ईं दबाव ओमप्रकाश पर च। अब ऊंथैं मुख्यमंत्री थैं सैं साबित करण खुणि काम कैरि दिखाणा प्वड़ळु। ऊंथैं ‘कमाई’ न बळिक काम, विकास अर जनकल्याण क काम करणा प्वाड़ळा।
ओम प्रकाश पर एक दबाव यों भि च कि ऊं से पैळि क मुख्य सचिव उत्पळ कुमार अपड़ि कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी अर सीदा-साधा व्यवहार क तौर पर एक लम्बी ळैंन खींच ग्यीं बस अब नै मुख्य सचिव ओमप्रकाश थैं ऊं से लम्बी लैंन खीचण प्वाड़ळी।