निखणि तुमरि नी ह्वै, निखणि त . . . .
उत्तराखण्ड मा 22 बरसु मा पैलि बार इन्नु ह्वीं कि भर्ति घोटाळ थैं लेकैकि प्रदेस क मुखिया बौत सकत छन, अर नकल माफियों थैं खतम करणा क सौं खाणा छन। प्रदेस मा यूकेएसएसएससी भर्ति मा गड़बड़ि करण वला आज जेल मा छन।
त दूसरि तरफ विधानसभा मा ह्वीं भर्ति घोटाळों मा अबि जु विधानसभा अध्यक्षा छन ऋतु खण्डूड़ी उन्न प्रेमचद्र अग्रवाल अर गोविन्द सिंह कुंजवाल कु द्वियों क बगत मा भर्ति हूंया सबि कर्मचारियों थैं भैर कु बाटु दिख्यें दिखें कि एक साहसिक काम कायी पर असली दोषि द्विया विधानसभा अध्यक्षु प्रेमचद्र अग्रवाल अर गोविन्द सिंह कुंजवाल पर क्वीं कारवै नीं कै। जबकि विधानसभा मा या भर्ति द्वी विधानसभा अध्यक्षु क बगत मा ह्वै छायी।
अब इन्न मा सवाल हि यौं च कि बल क्या विधानसभा मा गलत तरौंळ भर्ति हूंया कर्मचारी हि दोषि छन? क्या पैल्यक द्विया विधानसभा अध्यक्षों कु क्वीं दोष नीं च?
सैद ईं कारण च कि बौत दिन तक चुप रैंणा क बाद प्रेमचन्द्र अग्रवाल न अपडु गिच्चु खोलि अर अपड़ि सफै दे कि राज्य बणाण क बाद से अबि तक विधानसभा मा बौत भर्ति ह्वीं पर सर्या दोस म्यार मुण्ड मा हि धव्लें जाणु च। वु ब्वना छन कि मेरि जिन्दगि मा पिछनै दिय्यें ज्यां, मि उत्तराखण्ड मा हि पैदा हुं अर यखि पल्यूं -बढ़ियूं , मिन आज तक क्वीं गलत काम नि कायी। मि राज्य आन्दोलनकारी छौं। यांका बाद भि मिथैं हि दोस दियें जाुण च या मेरि निखणि (दुर्भाग्य) च। प्रेमचन्द्र अग्रवाल न अपड़ि सफै त दे दें पर बौत सर्या सवाल भि खड़ा कैरि दीं।
बडु़ सवाल हि यौं च आखिर प्रेमचन्द्र अग्रवाल थैं अपड़ि सफै देंणा कि क्या दरकार छै। प्रेमचन्द्र अग्रवाल सच्चा उत्तराखण्डि हूंदा अर उत्तराखण्ड कु भळु चांदा त सबसे पैळि अपड़ा पद बटि इस्तीफा देन्दा अर एक अलग लैन खिंचदा। त सैद ऊंकु मान, अर उत्तराखण्ड क रैवासियों कु मान औरि बढ़ि जान्दु।
अब या बात कि मि उत्तराखण्ड मा हि पैदा हूं अर मि राज्य आन्दोलनकारी छौं। त साब उत्तराखण्ड मा पैदा हूंण अर राज्य आन्दोलनकारी हूंणा कु मतबल यु कतै नि च कि हूंदू कि तुमथैं गलत काम करणा क छुट मिलग्यें।
मेरि निखणि कि भर्ति घपला कु सर्या दोस म्यार मुण्ड मा हि धव्लें ग्यें, अर मि उत्तराखण्ड मा हि पैदा ह्यूं छौ, आखिर क्या मतलब छन इन्न ब्वनु कु? साफ च कि प्रेमचन्द्र एक नै लैन खीचिंकि पाड़ अर मैदान कु खराब खेल ख्यलणा छन।
त अग्रवाल जी यखम निखणि त उत्तराखण्ड क जनतै क च, जौन प्रेमचन्द्र अग्रवाल थैं अपड़ा मुण्ड मा बिट्ठे पर लगातार विधायक बण्यें। निखणि वीं जनतै क च जौन प्रेमचन्द्र फर भरोसु कै। निखणि ऊं कर्मचारियों क जौ थैं प्रेमचन्द्र अग्रवालन न भर्ति कायीं, निखणि प्रदेस क यु नौना क जौ कु हक लुच्छिकि प्रेमचन्द्र अग्रवालन अपड़ों थैं देंणा क कोसिस कायी। निखणि त हमरि च, प्रेमचन्द्र अग्रवालन जी। तुमत विधानसभा भर्ति मा दोसि ह्वै कैकि आज भि कुर्सी मा ठाट से बैट्यां छा।?