गढ़ रत्न नेगी दा थैं मिल्लू संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार
गढ़ रत्न नेगी दा थैं मील्लू संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार
गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी दा थैं भौळ 9 तारिख मा संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कर मील्लू। राष्ट्रपति उत्तराखण्डि लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी थैं यू ईनाम द्याला। अर 12 अप्रैल खूंणि नेगी दा अर ऊंका दगड़या कलाकार राष्ट्रपति अर उपराष्ट्रपति क समणि उत्तराखण्डी लोक गीत भि गाळा।
ईनाम मा एक लाख रुपया अंगवस्त्र अर ताम्रपत्र दियें जालु। नरेन्द्र सिंह नेगी थैं यू ईनाम 2018 खूंणि दियें जाळु।
नरेन्द्र सिंह नेगी जी उत्तराखण्ड मा एक प्रसिद्ध गिंताग (गीतकार) छन। नेगी जी क गाणों मा पाड़ क पीड़ा, दिख्येंद। नेगी जी कु पैळु एलबम छायीं बुरांश। नेगी जी न चम्म चम्मा चम्म चमकी घाम डाड्यिों मा, सर्या बसगाल बोण मा रुंण कुटणा पीसण मा, म्यार दिन सदनि इन्नि रै ना, ढबरा हर्चि ग्यीं, म्यारा बकरा हर्चि ग्यीं, कन्न लड़िक बिगड़ि म्यारू ब्वारि कैरिक, ना काटा तौं डाळि थैं ना काटा, अबारि दा तु लम्बी छुट्टी लेकैकि ऐईं डाम क खितिर, कारगिलै लड़ै मा छौ, पल्टनौं आदेश च तु उदास न ह्वै मा, तुम भि सुणा मिन सूण याळी उत्तराखण्डै राजधानी बल गैरसैंण मा हि राली जन्न गाणों मा पाड़ अर पाड़ क मनखियों क पिड़ा च। त कबि नेगी दा इन्न गीत न लगा हम खूंणि दिकत हूंद जन गाणा मा ऊंकी अपड़ि भि पिड़ा च। नेगी जी अब्बि तक 1000 से जादा गाणा छन।
नेगी जी क जलम 12 अगस्त 1949 मा पौड़ी जिला मा ह्वै। उन्न अपड़ि पढै़ लिख्यें पौड़ी जिला मा ही कायी। नेगी जी ने लोक गीतू से प्रेरणा ल्यायी। नेगी जी क पांच बैंणि अर दुईं भै छन। नेगी जी क बुबा जी फौजी मा छायीं। नेगी जी लखनऊ आकाशवाणी बटि अपड़ि लोकगीतु क शुरूआत कायी।
नेगी जी न गढ़वळि फिलम घर ज्वैं, कौथिग, बेटी – ब्वारी, बंटबारू अर चक्रचाल क गाणा लिखेकि संगीत दी द्यायी।
नेगी जी गिंताग त छन यांक दगड़ा दगड़ि नेगी ने तीन किताब भि प्रकाशित हूईं छन। नेगी जी पैळि किताब च ‘खुचकंडी’ त दूसरी गाणियों क गंगा, स्याणियों क समोदर अर तिसर किताब च मुठ बोटी क रख।