मशरूम, मसाले एवं औषधीय जड़ी-बूटी की व्यवसायिक खेती से समृद्ध होगा उत्तराखंड का गांव

दून। उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति के द्वारा एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना एवं उत्तराखंड के किसानों को व्यवसायिक खेती के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति के महासचिव जगदीश भट्ट ने कहा “ उत्तराखंड की जो उपजाऊ भूमि है उसमें अब हमें पारंपरिक खेती के साथ-साथ व्यवसायिक दृष्टि से भी खेती करनी होगी ताकि हमारे किसान भाइयों को उनके उत्पाद का अधिक मूल्य मिल सके एवं उस उत्पाद को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।

व्यवसाय खेती के रूप में अगर हम बात करें तो हमारे उत्तराखंड के पास अपार संभावनाएं हैं, हमें अब पारंपरिक खेती का जो प्रतिशत है उसमें व्यवसायिक खेती को थोड़ा ज्यादा महत्व देना होगा जिससे हम गेहूं, चावल, दाल एवं हरी सब्जी के साथ साथ मशरूम एवं मसालों की खेती अत्यधिक मात्रा में कर सके एवं निर्धारित भूमि में ही हम अधिक लाभ ले सके। उन्होंने कहा उत्तराखंड के किसानों के लिए मशरूम की खेती बहुत ही लाभकारी होने जा रही है एवं भविष्य में इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिससे किसानों का आय भी दिन-ब-दिन बढ़ती चली जाएगी। उत्तराखंड के सभी छोटे बड़े शहरों में खाने के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है एवं कई ऐसे मल्टी नेशनल फूड-चेन स्टोर उत्तराखंड के सभी शहरों में खोले जा रहे हैं जिन्हें मशरूम की अत्यधिक आवश्यकता हो रही है, साथ ही साथ होमस्टे के किचन एवं रेस्टोरेंट में बाहर के पर्यटकों के आने की वजह से मशरूम की मांग बढ़ रही है। वही परदेस में अगर कोई भी सामाजिक समारोह हो जैसे शादी विवाह एवं अन्य कोई बड़ा आयोजन जिसमें मशरूम के कई प्रकार के व्यंजन परोसे जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में मशरूम की पारंपरिक आचार की भी मांग काफी बढ़ चुकी है। इन सभी बिंदुओं पर गौर किया जाए तो हम यह देख सकते हैं कि मशरूम की खेती से जुड़े हुए किसानों के लिए आने वाला भविष्य सुनहरा होगा। वही मसालों की बात करें तो उत्तराखंड के अंदर हल्दी, धनिया, अदरक, बड़ी इलायची, काला जीरा, तेजपत्ता एवं वन तुलसी का उत्पादन हो रहा है। इन सभी उत्पादों का राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत मिल जाती है, अगर हमारे उत्तराखंड के किसान भाई अपने खेतों में मसालों की अधिक उत्पाद कर सके तो उन्हें आय का एक अन्य स्रोत मिल सकता है। इन मसालों के साथ-साथ अन्य जड़ी बूटी की भी खेती की जा सकती है तथा उससे अच्छा लाभ लिया जा सकता है। उन्होंने कहा ’उत्तराखंड के स्टार्टअप और इन्नोवेटर एंटरप्रेन्योर्स को कोई भी मदद चाहिए तो उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति उस व्यक्ति के साथ हमेशा खड़ा रहेगा और उनके आवश्यकता अनुसार मदद की जाएगी। अगर किसी किसान भाइयों को अपने उत्पाद को रखने के लिए वेयरहाउस की दिक्कतें हो या फिर कोल्ड स्टोरेज की सुविधा मुहैया कराना हो उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति अपने नेटवर्क के माध्यम से प्रदेश के हर जिले में वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज की समस्याओं को दूर करेगा साथ ही साथ अगर किसी किसान भाई को उनके उत्पाद की मार्केटिंग करनी हो तो उसके लिए भी समिति के सदस्य मार्केटिंग की सुविधा मुहैया कराएंगे।

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