मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी न देवीधुरा मा मां वाराही धाम मा हूंणवळु कौथिग बग्वाल मा भाग ल्यें
मुख्यमंत्री धामीन मां वाराही मंदिर मा पूजा कायी अर प्रदेस क रैवासियोंक राजी-खुसी क अरज कायी।
देवीधुरा मा फुळु क बग्वाल मन्यें जांद। जैमा चारखाण (चम्याल, गहड़वाल, लमड़िया, वालिग) अर सात तोकु क मनखि भाग लिन्दन।
देवीधुरा धाम मा खोळीखाण दुबाचौड मा हर साल रक्षाबंधनक दिन मा बग्वाल हूंद। पैळि बग्वाल ढुंगाळ खय्लें जांद छायीं पर कुछ साळ बटि बग्वाल फुळु अर फळुल खय्लें जाणि च। जैमा हजारू मनखियों सामिल हूंदन।
ब्वलें जांद बल देवीधुरा मा बग्वाल कु यू खेल बौत पूरणु च, कतगै मनखियु क ब्वन च कि यू कत्यूर शासन बटि मन्यें जाण वळु कौथिग च। अर कतगै मनखि ऐ थैं काली कुमौं से जोड़िक देय्खदन। ब्वलें जाद पौराणिक काल मा चार खामु क ळोगु मा अपडि कूल देवी आराध्या वाराही थैं मनौंणा खूंणि नर बलि देंण क प्रथा छायीं। मां वाराही थैं खूस करणा खूंणि चारू खामु क मनखियों बटि हर साल एक मनखि क बलि दियें जान्दि छायीं।
ब्वलें जांद कि एक साल चम्याल खाम बटि एक बुढ़णि क कुटम्दरि क बारी छायीं। बुढ़णि क कुटम्दरि मा बुढ़णि अर वींकु नाती हि छायीं। बुढ़णि अपड़ा नाती थैं बचाणा खूंणि मां वाराही क अरज कायी, मां बाराही न बुढ़णि थैं दर्शन दीं। ब्वलें जान्द बल देवी न बुढ़णि थैं मंदिर मा चर्या खामु थैं बग्वाल ख्यलणा खूंणि बोलि अर तबि बटि बग्वाल ख्यलणा क प्रथा सुरू ह्वै।
मां वाराही मंदिर मा एक तरफ मां क पूजा हूंदि त दूसरी तरफ बग्वाल ख्यलें जान्द। बग्वाल मा पैलि ढुंगो एक दूसर फर चलौंण क प्रथा छायीं लेकिन अब या प्रथा खतम ह्वैग्यें अब ढुंगो क जगा मा फुळ अर फळुल बग्वाल ख्यलें जांद।