स्वच्छता को जीवन-शैली बनाने का युवाओं से मोदी का आह्वान

नयी दिल्ली (वार्ता )। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की विशाल युवा आबादी और लोकतांत्रिक मूल्यों को देश की सबसे बड़ी शक्ति बताते हुए युवा पीढ़ी का देश में बनी वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता देने का बुधवार को आह्वान किया। मोदी ने ‘बेटे-बेटी’ के बीच समानता पर बल देते हुए कहा कि बेटियों के विवाह की न्यूनतम उम्र बढ़ाने का फैसला उन्हें अवसरों की समानता देने की सोच से किया गया है।
मोदी स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर आज पुड्डुचेरी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन कर रहे थे। स्वामीजी का जन्म दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह आयोजन दो दिन चलेगा।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश भर से ऑनलाइन जुड़ी युवा पीढ़ी से ‘वोकल फॉर लोकल’ होने और ‘भारत में बने सामानों और भारत की मिट्टी की सुगंध वाली वस्तुओं’ की खरीद करने ‘स्वच्छता को लाइफस्टाइल (जीवन-शैली) बनाने का पुरजोर आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘आप देश में बनी चीजों की खरीदें, रोजगार इसी से पैदा होने वाला है, देश के गरीबों को इसी से सम्मान मिलने वाला है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि बेटे और बेटियां एक समान हैं। इसी सोच के साथ सरकार ने बच्चियों की बेहतरी के लिए उनकी शादी की उम्र को 21 साल करने का निर्णय लिया है ताकि बेटियों को करियर बनाने के लिए ज्यादा समय मिले। यह इस दिशा में बड़ा निर्णय है।’’

उद्घाटन समारोह में सूचना प्रसारण एवं खेल तथा युवा मामलों के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पुड्डुचेरी के उप राज्यपाल तमिल साई सुन्दरराजन, मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी और अन्य गणमान्य लोग शामिल थे। यह महोत्सव देश के युवा मन को दिशा देने और उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिये शक्ति के रूप में उसे एकजुट करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम इसी वर्ष श्री अरबिंदो की 150वीं जन्मजयंती मना रहे हैं और इस साल महाकवि सुब्रमण्यम भारती जी की भी 100वीं पुण्यतिथि है। इस बार का उत्सव इन दोनों मनीषियों को समर्पित है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज दुनिया भारत को एक आशा की दृष्टि से, एक विश्वास की दृष्टि से देखती है। क्योंकि, भारत का जन भी युवा है, और भारत का मन भी युवा है। भारत अपने सामर्थ्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है।’ श्री मोदी ने कहा कि भारत अपने चिंतन और अपनी चेतना से भी युवा है। भारत के युवाओं के पास बड़ी युवा आबादी के साथ साथ लोकतांत्रिक मूल्य भी हैं। इसका लाभ अतुलनीय है।
उन्होंने कहा कि भारत अपने युवाओं को अपनी जनसंख्या की ताकत के साथ-साथ विकास का वाहक भी मानता है। आजादी के समय जो युवा पीढ़ी थी, उसने देश के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान करने में एक पल नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि “युवाओं में वह क्षमता होती है, वह सामर्थ्य होता है कि वह पुरानी रूढ़ियों का बोझ लेकर नहीं चलता, वो उन्हें झटकना जानता है। उन्होंने कहा कि देश का युवा, खुद को, समाज को, नई चुनौतियों, नई मांग के हिसाब से अपना विकास कर सकता है, नए सृजन कर सकता है।”

मोदी ने कहा कि यह भारत के युवाओं की ही ताकत है कि आज भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में दुनिया में इतना आगे निकल गया है। आज भारत का युवा, वैश्विक समृद्ध के कोड लिख रहा है। पूरी दुनिया के यूनिकॉर्न इकोसिस्टम में भारतीय युवाओं का जलवा है। यूनीकार्न से तात्पर्य ऐसी व्यावसायिक इकाइयों से है जो नए विचार और प्रौद्योगिकी के आधार पर शुरू की गयी है और जिनकी बाजार में हैसियत एक अरब डालर यानी 75 अरब रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से सुविधाओं को बढ़ाई गई है बहुत सी औपचारिकताओं को कम किया गया है इससे युवाओं को मदद मिल रही है।

भारत के पास आज 50 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स का मजबूत इकोसिस्टम (परिवेश) है। प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी से भूले बिसरे स्वाधीनता सेनानियों पर अनुसंधान कर उनकी कहानी को सामने लाने और आजादी की लड़ाई के इतिहास को और अधिक समृद्ध बनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे व्यक्तियों के बारे में हमारे युवा जितना ज्यादा लिखेंगे, खोज करेंगे, उतना ही देश की आने वाली पीढ़ियों में जागरूकता बढ़ेगी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी त्यौहारों के दौरान लोगों से कोरोना महामारी के प्रति सावधान रहने का आह्वान किया। उन्होंने कोविड टीकाकरण अभियान में 15-18 वर्ष की किशोर पीढ़ी की भागीदारी को उत्साहजनक बताया तथा कहा कि इससे देश के उज्जवल भविष्य को लेकर उनका विश्वास और भी मजबूत होता है।

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