मित्र पुलिसाक डौर . . .
कबि रौंतेळयां पाड़ अर हारा डाळा-बूटा देरादूणाक पछ्याण हूंदा छायीं। अर नौकरि पूरि करणा क बाद मनखि यख अपड़ु घौर बणौंद छायीं पर आज नै जमना क चमकार मा यखका रौंतेळा पाड़ु मा गारौंका (कंकरीट) बोण बणिग्यें। नै जमना क चमाकारन हेरु-भरयूं देरादूण थैं खै याली। त दूसर तरफौं नै जमना क चमाकारन देरादूण मा लफंडरौं (बदमाश) कु संख्या अर अपराध बौत तेजी से बढ़णा छन।
देरादूण मा कुछ दिन पैळि बटि काूनना कु बन्दबस्त फर सवाल खड़ा हूंणा छन। देरादूण मा लफंडरौं क हिकमत इतगा बढ़िग्यें कि एसएसपी क दफतर क थ्वड़ा सी नजीक छ्वटि छ्वटि छुंयीं मा बेसबॉल क डण्डौं न मुण्ड फव्ड़ें जाणा छन। कखि ढुंगौं न मुण्ड फव्ड़ें जाणा छन। त कखि 16 साळ क नौनि फर बन्दुकिन फैएर हूंणि च। इन्न मा त इन्नु लगणु च कि जन्न अब दूरादूण मा पुलिस कि डौर खतम ह्वैग्यें। लफंडरौं न दून मा भिबराट मच्यूं च। इन्न लगणु च कि चोरी-चकारी, कतल अर लूट देरादूण क रैवासियों जिन्दगि कु हिस्सा बणिग्येंन।
इन्न मा अब सवाल यौं हूंणू च कि क्या उत्तराखण्ड पुलिस कु बदमासु थैं क्वीं डैर नीं रैग्यें? क्या बदमास इन्नु स्वचणा छन कि पुलिस हमरू कुछ नीं कै सकदि? यखम खास बात या च कि उत्तराखण्ड क पुलिसा क डीजीपी भि इन्नि हि ब्वना छन कि बदमास पुलिसान नीं डरणा छन।
इन्न मा अब सवाल त यौं भि च आखिर प्रदेसाक रैवासियों क सुरक्षा कु काराळु अर प्रदेस रैवासियों थैं अपड़ि सुरक्षा क परवा हूंणि भि जरुरी च।
इन्न मा अब पुलिस थैं चैंद कि प्रदेस मा भैर बटि आण वला बदमासु कु लेखा जोखा त्यार कैकि कारवै करण चैंद। बदमास छ्वटु हूंया या बडु सब्यौं क जिकुड़ि मा पुलिस कु डैर हूंण चैंद अर डैर इन्न कि अपराध करण सै पैलि बदमास दस बार स्वच्यां कि अगर पकड़ि जालौ क ऊंकी खैर नीं च। तबि कानून बदबस्त मा सुधार ह्वै सकदू। त दूसर तरफौं पुलिस क कारवै सिरफ दिखौंणा खूंणि नी हूंण चैंद अर प्रदेस क रैवासियों थैं इन्न लगण चैंद कि पुलिस ऊंकी मदत खूंणि सदिन त्यार च।
पुलिस थैं बदमासु खूंणि अपडु मित्र पुलिस क च्वाला थैं उतरिक ऊंकी जिकुड़ि मा मित्र पुलिसा क डौर पैदा करणा क दरकार च, तबि हम कानून क बन्दबस्त थैं ठीक कै सकदौं अर देरादूण हि ना सर्या प्रदेस थैं खुसहाल बण्यें सकदौं।