‘मिराज-2000‘ का कोई सानी नहीं, हवा में राज करता है ‘मिराज’

UK Dinmaan

लड़ाकू विमान ‘मिराज 2000′ का कोई सानी नहीं है। आसमान पर उसकी गरज से दुश्मन के छक्के छूट जाते हैं। मिराज ने पाकिस्तान को छठी का दूध याद दिला दिया है। भारत ने 1980 के दशक में फ्रांस को पहली बार 36 ‘मिराज-2000‘ खरीदने का ऑर्डर दिया था। वर्ष 2015 में फ्रांस ने अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे। अपग्रेडेड मिराज 2000 नए रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लैस हैं। इसे रडार भी आसानी से नहीं पकड़ सकता। इससे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इस वक्त यह लड़ाकू विमान भारत, चीन, यूएई समेत नौ देशों के पास हैं।

मिराज की विषेषता
इस सिंगल इंजन वाले लड़ाकू विमानों में वजन कम रहता है। इस वजह से इसका मूवमेंट आसान होता है। मिराज-2000 में दो इंजन हैं। दुर्भाग्य से एक इंजन फेल हो जाए तो दूसरा काम करता रहता है। इससे पायलट और विमान दोनों सुरक्षित रहते हैं। यह चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल (एक साथ कई तरह की भूमिका) विमान है।

लक्ष्यभेदी है
यह डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक विमान है। यह किसी भी देश में अंदर तक घुसकर मार करने में सक्षम है। पिछले हफ्ते पोखरण में हुए वायुशक्ति-2019 में मिराज ने अपनी ताकत दिखाई। जो भी लक्ष्य दिया गया, उसे तबाह कर दिया। यह एयर टू सर्फेस मिसाइल भी कैरी कर सकता है। इसमें नौ हार्ड पॉइंट होते हैं। इन पॉइंट्स पर हथियार ले जा सकता है।

सात बिन्दुओं में जानें इसे
1. ‘मिराज-2000‘ अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है। इसका निर्माण फ्रांस की कंपनी दसाल्ट एविएशन ने किया है। राफेल भी इसी कंपनी के हैं।
2. ‘मिराज-2000‘ की लंबाई 47 फीट और वजन 7500 किलोग्राम है।
3. इसकी अधिकतम गति 2,000 किलोमीटर प्रति घंटा है।
4. यह विमान 13,800 किलोग्राम गोला बारूद के साथ भी उड़ सकता है।
5. ‘मिराज-2000‘ विमानों ने 1970 के दशक में पहली बार उड़ान भरी।
6. यह ज्यादा से ज्यादा बम और मिसाइल को दुश्मन के ठिकाने पर गिराने में सक्षम है।
7. यह डीईएफए 554 ऑटोकैन से लैस है। इसमें 30 मिमी रिवॉल्वर किस्म के तोप हैं। यह तोप 1200 से लेकर 1800 राउंड प्रति मिनट की दर से आग उगल सकते हैं।

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