लॉकडाउन जैसे कदम नहीं उठाए होते तो देश में होती भयावह स्थिति: स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अगर भारत ने लॉकडाउन और कंटेनमेंट जैसे एतहतियाती कदम नहीं उठाए होते तो अब तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल केस 2 लाख पहुंच गए होते। मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि अभी भारत में कोरोना पॉजिटिव कुल केसों की संख्या 7,447 है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर ऐहतियाती कदम नहीं उठाए गए होते तो देश में अभी 2 लाख केस होते।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल केस बढ़कर 7,447 हुए, 239 की मौत, 642 इलाज के बाद ठीक।
देश में अब तेजी से हो रही है जांच, अब तक 1,71,718 सैंपलों की जांच, शुक्रवार को हुए 16,764 टेस्ट
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 7,447 हो गए हैं। हालांकि, अगर समय रहते लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया गया होता तो देश में अब तक स्थिति बहुत खराब हो सकती थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन और कन्टेनमेंट बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर हमने इस तरह के कदम नहीं उठाए होते तो आज देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या 2 लाख तक पहुंच चुकी होती।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया, भारत ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए ऐहतियाती कदम उठाए। हमने एक ग्रेडेड अप्रोच अपनाया। 2 राज्यों में और केंद्रीय स्तर पर देश में सिर्फ कोरोना वायरस से जुड़े मामलों के इलाज के लिए 587 अस्पताल हैं। देशभर में 1 लाख आइसोलेशन बेड और 11,500 आईसीयू बिस्तर कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
अग्रवाल ने बताया कि देश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 7,447 केस सामने आए हैं। अब तक 643 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1035 नए केस सामने आए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है। अब तक देश में इससे 239 लोगों की जान जा चुकी है।
भारत ने अब तेजी से कोरोना वायरस जांच की रफ्तार भी बढ़ाया है। गुरुवार को जहां 16,002 टेस्ट किए गए थे, वहीं शुक्रवार को 16,764 टेस्ट किए गए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक देश में अब तक 1,71,718 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। जांच के काम में 146 सरकारी और 67 प्राइवेट लैब लगे हुए हैं।