ममता बनर्जी का आरोप मैंने नहीं पीएम मोदी ने मुझे कराया था इंतजार
कलकत्ता (एजेन्सी)। ममता बनर्जी का पीएम नरेंद्र मोदी को 30 मिनट इंतजार कराने का विवाद बढ़ गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उन्होंने नहीं बल्कि उनको इंतजार कराया गया था।
कोलकाता में आज (शनिवार) पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि उन्हें पीएम मोदी से मुलाकात करने के लिए इंतजार करना पड़ा था। लेकिन दुर्भाग्य से आज उन पर इंतजार कराने का आरोप लगाया जा रहा है।
कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव आलापन बंदोपाध्याय को केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर बुलाने की बात पर भी अपनी राय रखी। ममता बनर्जी ने सीधे-सीधे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को लपेटे में लिया। ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि सीएम, पीएम को रिसीव करें। उन्हें खुद पीएम की मीटिंग के लिए 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा था। सीएम ममता बनर्जी ने कहा उनका हेलिकॉप्टर उतरने तक उन्हें 20 मिनट का इंतजार करना पड़ा। सीएम ममता ने आगे कहा कि हालांकि वे हमारे शेड्यूल से वाकिफ थे, फिर भी हमें इंतजार करवाया। हमने हेलीपैड पर उनका इंतजार किया। इससे पहले हमारा विमान लैंड नहीं हुआ, हमें 15 मिनट हवा में रुकना पड़ा। लेकिन इस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि यह पीएम की सुरक्षा का मामला था।
ममता बनर्जी ने कहा कि लेकिन जब हम कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो पीएम वहां पहले से ही मौजूद थे। हमें पीएम को सम्मान देना था, इसलिए मैं अपने मुख्य सचिव के साथ वहां गई थी। मैंने अपने मुख्य सचिव को मेरे साथ चलने के लिए कहा क्योंकि वह हमारे प्रशासन के प्रमुख हैं। लेकिन जब हम उस स्थान (मीटिंग स्थल) पर पहुंचे तो हमें इंतजार करने के लिए कहा गया। मेरे सुरक्षा अधिकारी ने एसपीजी (पीएम के सुरक्षाकर्मी) से हमें एक मिनट के लिए पीएम को देखने की अनुमति देने के लिए कहा, लेकिन एसपीजी ने कहा कि हमें एक घंटे इंतजार करना होगा।
सीएम ममता ने आगे कहा कि उन्होंने कुछ खाली कुर्सी दिखाईं, यह मीटिंग के पहले का या फिर उसके बाद का दृश्य हो सकता है। उस समय वहां बैठने का कोई मतलब नहीं था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने साफ किया कि उन्हें बैठक में शुभेंदु अधिकारी को मीटिंग में बुलाए जाने से नाराजगी के आरोपों पर ममता ने कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है। बैठक में चाहे चाहे विधायक आए या विपक्ष के नेता? उन्होंने कहा कि वैसे भी यह बैठक पीएम और सीएम के बीच नहीं थी। हां पहले पीएम और सीएम की बैठक का फैसला हुआ लेकिन बाद में मीटिंग में सरकार और केंद्रीय मंत्रियों को संशोधित सूची दी गई।
ममता ने कहा कि हमने सोचा कि सोचा कि पीएम हमारे राज्य में आए हैं, हम उनसे शिष्टाचार से भेंट कर लें, इसलिए हम उनकी अनुमति से कमरे में गए। उन्हें कागज सौंपे और चले आए, क्योंकि मेरा शेड्यूल फिक्स था। इसमें हमारा क्या दोष है?