ससंद क् सुरक्षा मा बड़ी लापरवै . . .

संसद म आंतकी हमला क बरसी क दिन सुरक्षा बन्दबस्त म बौत बड़ी लापरवै ह्वै। लोकसभा क कारैव क बगत शून्य काल म द्वी लोगन दर्शक दीर्घा बटि सदन क् भितर फाल मारि अर सदन मा धुंवा फैल्यें दे। यीं घटना क कुछ देर बाद संसद भवना भैर पिंगळा अर लाल रंगा कु धुंवा छव्ड़णु वलु केन लेकैकि प्रदर्शन करणा एक आदिम अर एक व्यटुळा तैं पुलिसन पकड़ि। दिल्ली पुलिसन शक अर सुरक्षा मा चूका यीं घटना म सामिल कुल 4 लोगु तैं पकड़ि याली।

अब यु त जांच कु विषय च आखिर यु लोगु कु छन, अर ऊंकु असली इरादा क्या छायीं? पर अबि त या बात समणि आणी च कि इरादा क्वीं हमला करणा कु नीं छायीं लेकिन जन वु नाराबाजी करणा छायीं, वै से त साफ च कि यीं अपणा इरादा मा सफल ह्वैग्यीन।

यांक दगड़ सबसे बड़ी बात जु या च कि ऊंन संसद क सुरक्षा बन्दबस्त पर बड़ा सवाल खड़ा कै याली। 13 दिसम्बर 2001 संसद म हूयां आतंकी हमला तैं याद दिले दे, 22 साल पैल्यक घटना आंखों मा रिटण बैट्ठिग्यें। एकदा दुबरा संसद क सुरक्षा बन्दबस्त म चूक समणि ऐ।

लोकसभा स्पीकर न ऐ मामला मा जांचा आदेश दे दीं। पर बडु सवाल च कि खुफिया एजेंसी इनपुटा बाद या चूक कनैकैकि ह्वै।
आईबी न दिल्ली पुलिस अर खुफिया एजेंसी तैं पैलि बटि बत्यूं छायीं, जै से इनि घटनौं तैं रव्के जै सक्यां। जैका बाद संसद क सुरक्षा तैं हौरि कटकुटु करेग्यें छायीं। यांका बाद द्वी लोग सुरक्षा घेर तैं तोड़िकि संसद मा घुसिन अर दर्शक दीर्घा मा बैट्ठणा बाद द्वियों न फाल मारि अर एक मेज बटि दुसर मेज मा फाळ मारि अर एकन अपणा जूता बटि एक पिंगळा रंगा गैस संसद मा छिड़कि दे। इनि घटना संसद बटि भैर बि ह्वै।

ससंद म ह्वीं या घटना बौत गम्भीर च, यखम संतोस वलि बात सिरफ या च कि जानमाल कु क्वीं नुकसान नीं ह्वै। ससंद भवन लोकतंत्र कु मंदिर च, यखम अपणि अवाज उठ्यें जै सकद पर ससंद म आतंक कैकि कै कि ना। यु तरीका कतै ठीक नीं च।

अब यु जांच कु विषय च कि आखिर उंकु इरादा क्या छायीं अर यांक पिछनै कोच? लेकिन इतगा त तय च कि यु संसद क सुरक्षा म सुरक्षा ऐजेन्सी अर पुलिसा क बौत बड़ी लापरवै च। यांकु जिम्मेबार कोच यांकि बि जांच हूंण चैंद? पर सच त यौं च बल खुफिया इनपुटा क बाद सुरक्षा एजेंसी फेल ह्वैग्यीन।

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