लोकतंत्र खूणि चिंताजनक . . .
संसद परिसर मा उपराष्ट्रपति व राज्य सभा क सभापति जगदीप धनखड़ क मिमिक्री पर देसा राष्ट्रपति तैं ब्वन पोड़ि कि यु ‘अशोभनीय आचरण’ च। उपराष्ट्रपति क अपमान पर देसा भर मा खूब छ्वीं हूंणि छन।
उपराष्ट्रपति सर्वाेच्च अर सम्मानजन पद च, यांकी गरिमा तैं नुकसान पाैंंछणा थैं कतै सै नीं ब्वले जै सकदु , यु बौत नखरू च, संसद परिसर क्वीं कॉमेडियन कु मंच नीं च।
दूसर तरफा दय्यखे ज्यां तक इतगा सांसदु तैं संसद बटि भैर करणु अर उपराष्ट्रपति कु अपमान लोकतांत्रिक इतिहास खूणि बौत दुर्भाग्यपूर्ण च। आज संसद म हो हल्ला करणु, वेल म ऐकी नाराबाजी करणु एक दूसर पर कटाक्ष हर मारपिटै संसद म सुद्धि ह्वैग्यें।
यखम हमतैं या बात बि समझण प्वाड़लि कि की आखिर आज हमरा सांसद इतगा अराजक किलै ह्वैग्येन? क्या आज पार्टियौं न सांसद तैं मजाक बण्यें याली, आज सांसदु खूंणि पार्टी सबसे पैलि ह्वैग्यायी। पार्टी भले गलत हूयां, बस जी हां पार्टी क बचावा मा खडु रैंण यु आज सांसद कु क आचरण अर काम ह्वैग्यायी। यीं कारण च आज संसद म पक्ष-विपक्ष द्विया अपणि बात पर अड्यां छन अर संदन क भितर चर्चा क क्वीं बाटु द्विया पक्ष नी निकालि सकणा छन। संसद मा सत्ता पक्ष अर विपक्ष क बीच मा जु बि ह्वै वाका पिछनै संसद सुरक्षा मा चूक च। यु एक बौत बड़ु मसला च।
विपक्ष अपड़ा खुट्टा जमै कि बैठ्यूं च। यखब विपक्ष या बात या बात भूलिग्यें की विपक्ष क जिम्मेबरि सत्ता पक्ष से जादा च, वु भूलिग्यें कि सत्ता व सत्ता हूंद। सत्ता पक्षन वीं कायी, जु वु सकदि।
अब विपक्ष यीं बात पर अड्यूं च कि गृहमंत्री ऐ मामला मा संसद म बयान द्याला। सत्ता पक्ष ब्वनु च कि संसद क भितर सुरक्षा क जिम्मेबरि स्पीकर क च, इल्लै ऐ मामला मा गृह मंत्री कु बयान देंण ठीक नीं च। द्विया पक्ष अड्यां छन।
संसद क द्विया सदन बटि निलंबित 143 विपक्षी संसाद अपणि नराजगी दिखौंणा खूंणि संसद भवन बटि राष्ट्रपति भवन तक जलूस निकालि सकदा छायीं, जंतर-मंतर पर विरोध कै सकदा छायीं। जनता तैं अपड़ि नराजगी बतै सकदा छायीं।
वखि ऐ मामला सत्ता पक्ष बि कुछ कम नीं च। सत्ता पक्ष उप राष्ट्रपति क मिमिक्री तैं उप राष्ट्रपति कु ना बल सर्या जाट समाज कु, किसान कु अपमान बतै कि खूब राजनीति करणि च। राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति एक संवैधानिक पद छन अर संवैधानिक पद पर बैठ्यां आदमि क क्वीं धर्म, क्वीं जाति नीं हूंदि। इन मा उप राष्ट्रपति क मिमिक्री न जाट, न किसानु कु अपमान नीं च, यु अपमान कै आदिम कु नीं च बल वु अपमान संवैधानिक पद कु च। यांका बाद बि सत्ता पक्ष ऐ मामला तैं जाट समुदाय कु अपमान बतैं की राजनीति करण म पिछनै नी च।
तृणमूल कांग्रेस क सांसद कल्याण बनर्जी न उपराष्ट्रपति कु नकल कायी उर ऊंकु मजाक कायी वा भारत लोकतंत्र खूंणि एक चिंता क घटना च। इन्न मा अब बगत ऐग्यें की अब हमरा सांसदु तैं इतगा त स्वचण हि प्वाड़लु कि हम आण वलि पीढ़ि, देसा जनतै तैं क्या शिक्षा/रैबार दिंणा छौं।