लोकभाषा ब्वलण मा हमथैं शरम छ्वड़न प्वाड़लि : नरेन्द्र सिंह नेगी
लोक भाषाओं थैं सम्मान अब सिरफ सरकारि मदत स नि मिलण वळु। ये खूंणि हमथैं लोगुक अर समाजक बीच मा शुरूवात करण प्वाड़लि। लोकभाषा ब्वलण मा हमथैं शरम छ्वड़न प्वाड़लि, तबि हम नै पीढ़ी थैं अपणि संस्कृति अर परंपराओं से जोड़ि सकदो। अर यांकी शुरूआत हमथैं भाषण, गोष्ठी सम्मेलनों से न बल्कि अपड़ा घौर बटि करणा प्वाड़ळि। हमथैं या बात नि भुलणिं चैंद कि हमरू राज्य कु जलम हि लोक क अलग पछ्याण खूंणि ह्वै छै।
या बात संगीत नाट्य अकादमी सम्मान से सम्मानित ह्यां उत्तराखण्ड क लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी न आज उत्तरांचल प्रेस क्लब मा उर्यू संवाद कार्यक्रम मा बोलि।
नरेन्द्र सिंह नेगी न ब्वाल राज्य बणणा क इक्कीस साल मा गढ़वाळि, कुमौंनि अर औरि लोक भाषाओं थैं अगनै बढ़ौणा खूंणि सरकारल कुईं कोसिस हि नि कायी। आज हममा लोकभाषा अकादमी तक नि च। उन्न ईं बात मा खुसी जतै कि अजै पीढ़ी मा बौत सर्या ज्वान नौंना गढ़वळि अर कुमौंनि मा ल्यखणा अर गाणा छन।
संवाद मा पूछ्यें एक सवाल क जवाब मा नेगी जी ब्वाळ बल उन्न सदनि लोक थैं महत्व द्यायी अर सदनि लोक क दगड़ा मा हि खड़ु रैंणा क कोसिस कायी। इलै कि ऊंका गीतु मा लोक च। नरेन्द्र सिंह नेगी न ब्वाल कि उथैं सबसे बडु ईनाम लोक से हि मिल्यू पीड़ (प्यार) च। इल्लै मि ऐ संगीत नाटक अकादमी क सम्मान, लोकक खम्बौं थैं समर्पित करणू छौ, जू बिना फैदा क बोलि भाषा थैं अगनै बढ़ाणा कु काम करणा छन।
नेगी जी न सब्बि लोगु से विनती कायी कि जनगणना क फारम मा भाषा क खाना मा अपड़ि मातृभाषा मा गढ़वळि, कुमौनि अर जौनसारी ल्यख्यां, तबि हमरि भाषा संविधानक आठवीं अनुसूची मा दर्ज ह्वै सकदि।
ऐ मौका पर नेगी दा ने धरति हमरा गढ़वालैकि कतगा रौंतेळि स्वाणि चा भि सूंणे।
उत्तरांचल प्रेस क्लब क अध्यक्ष जितेन्द्र अंथवाल ने बोलि कि नेगी जी थैं संगीत नाटक अकादमी सम्मान मिलणू उत्तराखण्ड के बोलि, भाषा, संस्कृति, लोक परंपराओं कु भि सम्मान च। ऐ मौका पर प्रेस क्लब के तरफ बटि नेगी जी थैं एक स्मृति चिन्ह् अर शाल देकैकि समानित करै ग्यायी।
कार्यक्रम मा साहित्यकार डॉ. नंदकिशोर हटवाल, संदीप रावत, कवि एवं गीतकार मदन डुकलान, ईश्वरी प्रसाद उनियाल, नवीन थलेडी़ व योगेश भट्ट, मनमोहन शर्मा अर लोक गीतेर कविलास नेगी भि मौजूद छायी।