केजरीवाल कु इस्तीफा, पार्टीक अंद्वार (छवि) तैं बचौंण कोसिस
आखिरकार दिल्ली तैं नै मुख्यमंत्री मिलिग्ये। अरविंद केजरीवाल 5 मैना बिटि जेलम छायीं अर वु पर इस्तीफा देंणा कु खळाखळ दबाव प्वड़णु छायीं। यांका बाद बि उन्न अपणा पद बिटि इस्फीता नी द्यायी। पांच मैना तक जेल बिटि सरकार चलौंणा वला केजरीवाल तैं जन्नि जेल बिटि बेल मिलि उन्न झट अपणा पद बिटि इस्तीफा देंणा कु फैसला कै दे।
सुप्रीम अदालत बिटि बेल मिलणा बाद अब केजरीवालन जनतै अदालतम जाणा कु फैसला कायी अर अप्फु खुणि निसाब मांगि की बोलि कि जब तक जनता मितैं माफ नी कारली तब तक मि मुख्यमंत्री क कुर्सी पर नी बैठलु।
अरविंद केजरीवालक ऐ फैसलन दिल्ली हि ना बल सर्या देसम राजनीति छ्वीं-बत्था लगण बैठिग्येन। क्वीं केजरीवाल क तरिफ, त क्वीं केजरीवाल कु ढोंग बतौंणु च। पर या बात त सै च कि केजरीवालन इस्तीफा देकैकि एक नै चाल खेलि दे। जैन सबि राजनैतिक दलौं क भितर भिभड़ाट मचै दे। केजरीवाल कु इस्तीफा देंण से राजनैतिक दलु तैं मुण्डरू ह्वेग्गे।
केजरीवाल पर शराब घोेटालम सामिल हूंणा आरोप च। इल्लै केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट कुछ रोक लग्यीं छन, जन्नि की केजरीवाल मुख्यमंत्री क दप्तर नीं जैकदन, कैबि फैल पर सैन तब तक नीं कै सकदन जब तक उपराज्यपाल मंजूरि नी देलु। इन्न मा केजरीवाल इस्तीफा नी दिन्दा त, ऊ बिना कुर्सी क मुख्यमंत्री रैन्दा।
इल्लै केजरीवालक इस्तीफा देंणा वलु ऐ फैसलम क्वीं झेसकेण वलि बात नीं च। अब दिल्लीक मुख्यमंत्री कुर्सी बैठयूं नै मुख्यमंत्री क सबि फैसला केजरीवालक सलाह से हि होला।
स्वचा! लोगु तैं नैतिकता कि शिक्षा देंण वलु केजरीवाल 5 मैनौं बिटि जेलम छायीं तब त केजरीवालन इस्तीफा नीं द्यायीं अर आज वु नैतिकता क बात बोलिकि इस्तीफा देंण चु।
केजरीवाल कु इस्तीफा पिछनै कु सच यों च की दिल्लीक मुख्यमंत्रीक जेल जाण से दिल्ली क लोगुतैं कट्टर ईमानदार सरकार अर भष्ट्राचार मुक्त सरकार देंणा कु आम आदमी पार्टी क अंद्वार पर दाग लगिग्ये। इतगै न ईडी अर सीबीआई न शराब घोटालम न दिल्ली सरकारै अंद्वार तैं खराब हि नी कायी बल ऊंका उपमुख्यमंत्री बि 17 मैना तक जेलम बन्द छायीं त एक हौरि मंत्री सत्येंद्र जैन अर विधायक अमानतुल्लाह खान त अबि बि जेलम छन।
यीं बड़ु कारण च कि बेल पर जेल बिटि भैर औंणा बाद केजरीवालन इस्तीफा दे। अर अब दिल्ली जनतै से निसाब मंगाण छन अर ब्वना छन कि तुमतैं इन्नु लगदु की अरविंद केजरीवाल बेईमान च त बोट न दियां। अर इन्न बि ब्वना छन कि ऊतैं इल्लै जेल मा नी डल्यें ग्यायी की उन्न क्वीं घपला कायी, बल ऊतैं भाजपान इल्लै जेलम डालिकि ऊंकी पार्टी तैं त्वड़ण कोसिस कायी। जैमा भाजपा सफल नीं ह्वे साकी। केजरीवालन यु बोलिकि की भाजपा कैबि प्रदेसा मुख्यमंत्री तैं जेलम डलदि त वु इस्तीफा नीं दियां। इन्नु बोलिकि केजरीवालन विपक्षा कु बि दगड़ु हासिल करणा कोसिस कैकि अपणि तरफां करणा कोसिस कायी।
इन्न मा साफ च कि केजरीवाल कु इस्तीफा अर नै जनादेस मंगण कु फैसला, अपणि पार्टी क अंद्वारम तैं सुधरण कु च। किलैकि अबि दिल्ली विधानसभा चुनौ म अबि 5 मैनौं बगत च। इन्नम चुनौ से पांच मैना पैलि केजरीवाल कु इस्तीफ देंणा कु फैसला तैं केजरीवाल कु बलिदान कतै नीं ब्वलें जै सकदु। या केजरीवाला की अपणि अर अपणि पार्टी क अंद्वार अर ऐतबार तैं हौरि नुकसान से बचौंण कोसिस च बस हौरि कुछ ना।