जय शाह ने दायर किया आपराधिक मामला
नई दिल्ली: जय शाह ने उनकी कंपनी के मुनाफे को लेकर लिखी गई खबर की मंशा पर सवाल उठाते हुए फाउंडेशन ऑफ इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म व छह संस्थापकों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
जय अमित शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसवी राजू ने कोर्ट में वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वर्दराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एमके वेणु और अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि खबर छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लिखी गई है। जय शाह ने उनके खिलाफ मानहानि के अलावा विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला चलाने का आग्रह किया है।
दरअसल, कोर्ट का मत था कि एक बार कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में यह तय हो जाए कि मामला बनता है तो प्रतिवादियों को समन भेजा जाएगा। उधर, इस मामले में राजनीतिक जंग भी तेज हो गई है। एक तरफ जहां कांग्रेस नेता दिल्ली और अहमदाबाद से लेकर कई राज्यों में इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुटे हैं। वहीं, भाजपा नेताओं की ओर से यह याद दिलाने में कोई चूक नहीं हो रही है कि कांग्रेस का कार्यकाल घोटालों के लिए जाना जाता है। राहुल को सवाल उठाने से पहले जवाब देना चाहिए।
वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया कि जय शाह के कारोबार में कोई अनियमितता नहीं है। उनका दामन साफ है कि वह किसी भी तरह के सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। कोर्ट में जय शाह का केस एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता लड़ेंगे। विपक्ष ने इसे भी मुद्दा बनाने की कोशिश की। लेकिन, गोयल ने कानूनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अनुमति के बाद सरकारी लॉ ऑफिसर भी निजी मामलों में पैरवी कर सकता है। उन्होंने कहा कि वायर पोर्टल ने जय को प्रश्नावली भेजी थी और इसीलिए उन्हें जानकारी थी। लेकिन, वायर ने जय के पूरे जवाब को नजरअंदाज कर दिया। हर सवाल के जवाब दिए गए थे जिससे स्पष्ट था कि कोई अनियमितता नहीं हुई है।