गलत जानकारी देने पर सीएम त्रिवेन्द्र विवादों में

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर अपनी अचल सम्पत्ति की गलत रिपोर्ट देने पर विवादों के घेरे में घिर गये हैं। मुख्यमंत्री पर 2०14 और 2०17 के चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग को अपनी आयु एवं सम्पत्ति के बारे में दी गई जानकारी को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। जिससे आने वाले दिनों में उनकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री की अचल संपत्ति के बारे में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को इस संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। आयोग ने मुख्यमंत्री को अपनी आयु एवं अचल सम्पत्ति के बारे में गलत जानकारी देने की शिकायत पर उपरोक्त तथ्यों की वास्तविकता जानने के लिए यह कार्यवाही की है। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2०17 में दाखिल शपथपत्र में अपनी सम्पत्ति के दिए ब्यौरे के बारे में फिर से जांच करने को कहा है। देहरादून निवासी रघुनाथ सिंह नेगी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पर वर्ष 2००7, 2०12 और 2०17 के चुनाव में दाखिल शपथ पत्रों में अपनी आयु एव आय के बारे में गलत जानकारी देेने का आरोप लगाया है।

इससे पहले भी वह ठेंचा बीच घोटाले में उनकी संलिप्तता को लेकर सवाल उठा चुके है। शिकायतकर्ता रघुनाथ सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री के शपथ पत्र के हवाले से आयु एवं सम्पत्ति की विषय में जानकारी दी है। उन्होंने उन पर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने जो अपनी अचल संपत्ति की जो कीमत शपथ पत्र में लिखा है, वह वास्तविक रूप में काफी कम है। इसके अलावा नेगी ने मुख्यमंत्री पर चुनाव के दौरान अपनी आयु भी गलत दर्शाने का आरोप लगया है। गौरतलब है कि 2०14 में हुए उपचुनाव में श्री रावत ने अपनी आयु 54 वर्ष और 2०17 में हुए चुनाव में भी 54 वर्ष ही दर्शाई है। इस शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग ने सीबीडीटी को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री की अचल संपत्ति एवं उनकी आयु की जांच कर इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।

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