कंडोलिया देवता कु बौत आभार, त्रिवेन्द्र सिहं जी क दगड़ मा ज्वां ह्वै, वु उत्तराखण्ड मा रोज हूंणि रैंद : हरीश रावत
भगवान कंडोलिया क कृपा च त्रिवेन्द्र जी आप हाथी क हमला मा बचिग्यीं। कंडोलिया देवता कु बौत आभार। हरीश रावत या बात सोशल मीडिया मा लेख अर पाड़ क पिड़ा क बारा मा बत्यें अर मुख्यमंत्री थैं सलाह भि दे।
हरीश रावतन लेखि पाड अर सैंण द्विया जगों मा बोण से लगि जगों मा जंगळि जानवरू क खतरा च, गौ का गौ खाली हूंणा छन। म्यारा गौ मा 10 किलोमीटर के भितर ये बगत मा 3 बाघ अर द्वी गुलदार घुमड़ा छन। जौन द्वी मनखि अर 2 गौड़ि थैं घैळ कर्यूं च।
म्यारा गौ मा अर औरि गौ मा ना भि इन्न कहानी च। लोग गौ खाली करणा छन। मिन अपड़ा छ्वटा सी कार्यकाल मा बोण मा रैंण वला जानवरू, पंचायती बोण, पर्यटन सबि थैं जोड़िक जैम पाणि बचौंण भि छायीं एक होलिस्टिक योजना बण्यें छायीं, जै फर काम हूंण छायीं, ईं योजना कु जरसि काम बच्यूं छायीं पर सबि काम थैं रव्कें ग्यायी। अर कैल 6 साळु मा यु भि जणणाक कि कोशिश भि नी कायी कि ईं योजना बणाणा कु पिछनै म्यारू मकसद क्या छायीं? उत्तराखण्ड खुब तरक्की कराळु, अर खूब अगनै जाळु।
उन्न अगनै बोलि मि त प्रधानमंत्री जी से ब्वलण चाणु छौ बल मिन बेडू, तिमला सब्यौं क बात कै छायीं। आप वैंकी बात करणा छा, मिथैं बौत अच्छु लगणु च। पर हमरि पिड़ा इतगा हि नीं च, पिड़ा बौत गैरु च।
त्रिवेन्द्र सिहं जी के दगड़ मा ज्वां ह्वै, वा एक हजारवां अंश च, वु उत्तराखण्ड मा रोज हूंणि रैंद। लोगुन अपड़ा पुंगड़ा बंजर छोड़ि याळी। गौ घौर मा कंडाळी अर घास जमि ग्यें। जै घौर मा मि सेब खैकि बडु हूं वख अब लैंटाना घास अर सूगरू कु राज ह्वैग्यें। अजीब कहानी च र पिड़ा से भ्वरि कहानी च।
मुख्यमंत्री जी तुम ईं बाति थैं अपड़ा काम पर तंज न विंगया (समझना) म्यारू ब्वन च जणगुरू क दगड़ विचार करण स समस्या कु हल नि हूंणु। समस्या कु हल जौ न भुगत्यूं च उंक दगड़ मा बात करण से हि ह्वाळु।